भारतीय वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह (Air Chief Marshal AP Singh) ने आज मीडिया को बताया कि, ”हम ऐसे सिस्टम खरीद रहे हैं जो आयरन डोम (इजरायल का अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम) की तरह हैं. हमें यह काफी अधिक संख्या में चाहिए हैं. कुछ ऐसे सिस्टम हमारे पास हैं और कुछ लिए जा रहे हैं.” उन्होंने कहा कि, ”वायुसेना (Indian Air Force) ने अपने दुश्मनों को बालाकोट में मार गिराया था. आगे भी कर सकते हैं, लेकिन हम बताएंगे नहीं.” उन्होंने कहा कि, ”अग्निवीर को लेकर हमारा फीडबैक बहुत सकारात्मक है. अगर 25 फीसदी से ज्यादा अग्निवीरों ले सकते हैं, तो इस पर यह सरकार का फैसला होगा.”
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह (Air Chief Marshal AP Singh) ने आज मीडिया को बताया कि, ”हम ऐसे सिस्टम खरीद रहे हैं जो आयरन डोम (इजरायल का अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम) की तरह हैं. हमें यह काफी अधिक संख्या में चाहिए हैं. कुछ ऐसे सिस्टम हमारे पास हैं और कुछ लिए जा रहे हैं.” उन्होंने कहा कि, ”वायुसेना (Indian Air Force) ने अपने दुश्मनों को बालाकोट में मार गिराया था. आगे भी कर सकते हैं, लेकिन हम बताएंगे नहीं.” उन्होंने कहा कि, ”अग्निवीर को लेकर हमारा फीडबैक बहुत सकारात्मक है. अगर 25 फीसदी से ज्यादा अग्निवीरों ले सकते हैं, तो इस पर यह सरकार का फैसला होगा.”
भारतीय वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच आज अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, चीन अपने इलाके में बहुत तेजी से बुनियादी ढांचे के विकास में जुटा है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि, ”सरहद पर हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया है. हम भी सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार कर रहे हैं. हम लगातार हालात का जायजा लेते रहते हैं. हमारी ट्रेनिंग उनसे बेहतर है, लेकिन तकनीक के मामले में वे हमसे आगे हैं.”
स्वदेशी हथियार प्रणालियां महत्वपूर्ण
एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने वायुसेना दिवस से पहले आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, भारतीय वायुसेना 2047 तक अपने सभी सामान का उत्पादन भारत में ही करने पर विचार कर रही है. विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में भू-राजनीतिक तनावों और संघर्षों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणालियों का होना महत्वपूर्ण है.
”कहां किसको मारने में सक्षम, यह नहीं बताएंगे”
एयरचीफ मार्शल से एनडीटीवी इंडिया ने सवाल पूछा कि जिस तरह से इजरायल ने अपने दुश्मन हिज्बुल्लाह के चीफ को मार दिया, क्या भारतीय वायुसेना में ऐसा कर सकती है? उन्होंने जवाब दिया कि, ”हम बालाकोट में ऐसा कर चुके हैं, कहां किसको मार सकते हैं, वह मैं नहीं बताऊंगा.”
उन्होंने इजरायल के आयरन डोम सिस्टम को लेकर कहा कि, ”वायुसेना को भी ऐसे सिस्टम चाहिए. हम ऐसे कुछ सिस्टम ले रहे हैं लेकिन हमें और भी ऐसे सिस्टम की जरूरत है.” वायुसेना प्रमुख ने कहा कि, ”अगर हमारे ऊपर भी मिसाइलों से हमला होता है तो हम भी उसे रोक सकते हैं पर इजरायल जितना नहीं. वजह यह है कि हमारा एरिया इजरायल के मुकाबले कहीं ज्यादा है.” उन्होंने कहा कि, वायुसेना को रूस से तीन एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम मिल चुके हैं और बाकी के दो और सिस्टम अगले साल तक मिल जाने की उम्मीद है.
अग्निवीरों को लेकर फीडबैक बहुत अच्छा
अग्निवीरों को लेकर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि, उनका फीडबैक बहुत ही अच्छा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमें 25 फीसदी से ज्यादा अग्निवीरों को लेने की जरूरत पड़े तो हम इसके लिए तैयार हैं, लेकिन इस पर अंतिम फैसला सरकार को करना है.
आत्मनिर्भरता को लेकर वायु सेना प्रमुख ने कहा कि, ”अब भविष्य में ज्यादातर हथियार, लड़ाकू विमान और सिस्टम देश में ही बनाए जाएंगे. तेजस के साथ-साथ पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान देश में बनेंगे. लक्ष्य है 2047 तक वायुसेना के सारे हथियारों का निर्माण देश में ही हो.”
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