हरियाणा के पिछले विधानसभा चुनाव में जजपा ने राज्य की 90 में से 10 सीट पर जीती थी और ‘किंगमेकर’ के रूप में उभरी थी. वहीं इस चुनाव में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम (Haryana Assembly Election Results) में जननायक जनता पार्टी (जजपा) को बड़ा झटका लगा है. 2019 में किंगमेकर की भूमिका निभाने वाली जजपा का इस चुनाव में सफाया हो गया है. जजपा नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) उचाना कलां विधानसभा सीट पर पांचवें स्थान पर रहे हैं और उन्हें जबरदस्त हार का सामना करना पड़ सकता है. वह 2019 के चुनाव में इस सीट से जीते थे.
पिछले विधानसभा चुनाव में जजपा राज्य की 90 में से 10 सीट पर जीती और ‘किंगमेकर’ के रूप में उभरी थी. उसने, 40 सीट जीतकर सामान्य बहुमत से छह सीट पीछे रह गई भाजपा के साथ चुनाव के बाद गठबंधन किया.
दिसंबर 2018 में जजपा की हुई थी स्थापना
अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी पारिवारिक कलह के कारण दिसंबर 2018 में मूल पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) से अलग होकर बनी थी. स्थापना के बाद पार्टी के ग्राफ में अचानक वृद्धि देखी गई और इस साल मार्च में भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त होने के बाद उसके समर्थन आधार में गिरावट देखी गई.
भाजपा ने मार्च में मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था और नेतृत्व परिवर्तन के बाद गठबंधन टूट गया था.
10 सीटों पर उम्मीदवार, एक पर जीत नहीं
जजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 10 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली. जजपा उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई.
जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने पार्टी छोड़ दी और उसके 10 में से सात विधायक कांग्रेस या भाजपा में चले गए.
हरियाणा में दलित वोट हासिल करने के मकसद से इस चुनाव में जजपा ने आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया था लेकिन उसे फायदा नहीं मिला.
पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के प्रपौत्र दुष्यंत चौटाला (36) ने पिछले महीने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि विधानसभा चुनाव में कोई भी पार्टी 40 सीट के आंकड़े को पार नहीं कर पाएगी.
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