अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होली मिलन समारोह को लेकर जमकर बयानबाजी हो रही है और अब करणी सेना ने 10 मार्च को होली खेलने का ऐलान कर दिया है. इसके बाद यह मामला तूल पकड़ता लग रहा है. आइये जानते हैं क्या है यह पूरा मामला.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में होली मिलन समारोह का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन से होली मिलन समारोह की अनुमति नहीं मिलने के बाद कई हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई है और धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया है. साथ ही इस विवाद ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है और विभिन्न विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दल आमने-सामने आ गए हैं. ऐसे में करणी सेना ने 10 मार्च को होली खेलने का ऐलान कर दिया है. वहीं अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने इस मामले में भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि एएमयू में होली मनाने से कोई रोकेगा और मारपीट करेगा तो उसे ऊपर पहुंचा दिया जाएगा. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा है कि छात्रों के होली खेलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन विशेष आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है. आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है.
एएमयू में होली मिलन समारोह को लेकर बवाल क्यों?
यह पूरा विवाद एक प्रार्थना पत्र के बाद से शुरू हुआ. एएमयू के मास्टर्स के छात्र अखिल कौशल ने बताया कि हिंदू छात्रों ने 25 फरवरी को एएमयू के प्रॉक्टर को वाइस चांसलर के नाम पत्र सौंपकर आगामी 9 मार्च को एएमयू के एनआरएससी क्लब में होली मिलन समारोह आयोजन करने की अनुमति मांग थी, जिसे लेकर वाइस चांसलर ने प्रोफेसर और डीन की मीटिंग बुलाई. छात्र अखिल कौशल ने बताया कि इस संबंध में छात्र दोबारा प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली से मिले तो उन्होंने बताया कि मीटिंग में होली मिलन समारोह के आयोजन के बारे में निर्णय लिया गया कि होली मिलन समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
कौशल ने कहा कि मीटिंग में जिस तरह की चर्चा हुई है, उसके ऑडियो और वीडियो हमारे पास मौजूद हैं. यदि हमें अनुमति नहीं दी गई तो हम उन ऑडियो-वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करेंगे. एएमयू में अन्य धर्मों के धार्मिक आयोजन किए जाते हैं, लेकिन हिंदू छात्रों को उनसे कोई आपत्ति नहीं है तो फिर हिंदू छात्रों को होली मिलन समारोह के आयोजन से क्यों रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में एएमयू को मिनी इंडिया बताया था. इंडिया सभी धर्म के सम्मान करने के बारे में जाना जाता है, इसलिए एएमयू की वाइस चांसलर प्रोफेसर नईमा खातून को भी सभी धर्म का सम्मान रखते हुए उनके कार्यक्रम की अनुमति देनी चाहिए, यदि हमको होली मिलन समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई तो इस मामले को हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में लाएंगे.
सतीश गौतम
अन्य धर्मों को भी त्योहारों के लिए समान अवसर दें: शर्मा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के होली विवाद पर दिनेश शर्मा ने कहा, “यह एक स्वायत्त निकाय है और शैक्षणिक संस्थानों में प्रथा यह है कि अगर किसी धर्म को कोई कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी जाती है, तो अन्य धर्मों को भी उनके त्योहारों के लिए समान अवसर दिया जाना चाहिए. इस बात में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए कि एक को अनुमति दी जाए और दूसरे को नहीं. होली, रमजान और ईद जैसे त्योहारों को सकारात्मक और समावेशी माहौल में मनाया जाना चाहिए, जिससे सभी एक साथ आ सकें.”
वो अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार चुके हैं: मनोज तिवारी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली नहीं मनाए जाने के फरमान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जल्द ही यूनिवर्सिटी की व्यवस्था में लगे लोगों को सजा मिलेगी. इस देश में सभी को अपने धर्म के अनुसार पूजा-पाठ करने का अधिकार है. किसी को भी उस पर आपत्ति नहीं जतानी चाहिए. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के व्यवस्थापक को मैं कहना चाहूंगा कि वो अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार चुके हैं. जल्द ही सीएम योगी उनका अच्छा इलाज करेंगे.
एएमयू विवाद पर क्या बोले कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज?
कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली विवाद पर कहा, “मेरा मानना है कि सभी त्योहारों को समान रूप से देखा जाना चाहिए. दोनों के पर्व को मनाया जाना चाहिए. शिक्षा संस्थान में किसी एक धर्म को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता, ताकि वहां पर हमारे संविधान के नियमों का पालन हो.”
रंग भरनी एकादशी के दिन खेलेंगे होली: करणी सेना
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने कहा है कि अगर एएमयू प्रशासन होली मनाने की अनुमति नहीं देता है, तो 10 मार्च को रंग भरनी एकादशी के दिन करणी सेना के कार्यकर्ता खुद एएमयू के अंदर जाकर हिंदू छात्रों के साथ होली खेलेंगे और होली मिलन समारोह का आयोजन करेंगे. उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम छात्रों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है.
ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने कहा, “हम ऐलान करते हैं कि अगर एएमयू प्रशासन होली की अनुमति नहीं देता, तो हम 10 मार्च को खुद वहां जाकर हिंदू छात्रों के साथ होली खेलेंगे और समारोह आयोजित करेंगे.” उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने एएमयू को मिनी इंडिया कहकर संबोधित किया है, फिर भी वहां होली खेलने की अनुमति नहीं मिलना दुर्भाग्य की बात है. साथ ही कहा कि परिसर में अन्य त्योहारों की अनुमति होती है तो फिर होली खेलने की अनुमति क्यों नहीं मिलनी चाहिए.
करणी सेना के सदस्यों ने गुरुवार को अलीगढ़ में जिला कलेक्ट्रेट तक मार्च किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा.
होली खेलने पर नहीं, विशेष आयोजन पर रोक: एएमयू
इस मुद्दे पर विवाद बढ़ा तो एएमयू प्रशासन ने भी अपनी सफाई दी है. एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सभी हॉस्टल और परिसर के अंदर पूर्व में जिस प्रकार से छात्र होली खेल खेलते आए हैं, उस पर कोई प्रतिबंध नहीं है. छात्रों द्वारा होली मिलन समारोह के विशेष आयोजन के लिए विशेष स्थान की मांग की गई है. ऐसा पहले विश्वविद्यालय के अंदर कभी नहीं हुआ है. विश्वविद्यालय की परंपराओं को देखते हुए विशेष आयोजन की छात्रों को परमिशन नहीं दी गई है, लेकिन परिसर में होली पर्व पर होली खेलने पर किसी प्रकार की रोक नहीं है.
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