केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को हैदराबाद के कोर्ट में 504 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में चार्जशीट पेश की. जानिए बड़ी बातें.
149 करोड़ के गहने, 1.96 करोड़ कैश… 2022 में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब इसकी जब्ती की थी तो यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया था. करोड़ों के जेवरात और कैश बरामदगी के करीब ढ़ाई साल बाद अब ED ने इस मामले में चार्जशीट पेश की है. मामला हैरदाबाद का है. जहां मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के हैदराबाद जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत एमबीएस ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मुसद्दीलाल जेम्स एंड ज्वेल्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, सुकेश गुप्ता, अनुराग गुप्ता, कर्री रवि प्रसाद और वल्लुरी मोहन राव के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत, हैदराबाद में चार्जशीट दायर की है.
504.34 करोड़ रुपए का पहुंचाया था नुकसान
अदालत ने 1 मार्च 2025 को इस चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. ईडी ने यह जांच CBI हैदराबाद की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की. इस FIR में आरोप था कि सुकेश गुप्ता और उनकी कंपनियों ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी लिमिटेड को बायर्स क्रेडिट स्कीम के तहत 504.34 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया.
5% मार्जिन मनी का भुगतान नहीं
मामले की जांच पूरी करने के बाद, CBI ने सुकेश गुप्ता और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. ED की जांच में सामने आया कि सुकेश गुप्ता ने अपनी कंपनियों का इस्तेमाल कर एमएमटीसी लिमिटेड से सोने की खरीद की और बायर्स क्रेडिट लोन के तहत फॉरेक्स पोजीशन को खुला रखा. लेकिन अतिरिक्त 5% मार्जिन मनी का भुगतान नहीं किया.
इससे एमएमटीसी लिमिटेड को 549.06 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. ईडी ने पाया कि सुकेश गुप्ता इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड था.
बकाया चुकाने के बदले उठाता रहा सोना
उसने एमएमटीसी के अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची और लगातार एमएमटीसी को गुमराह करता रहा. एमएमटीसी से उसकी कंपनियों को नए सोने की सप्लाई नहीं की जानी चाहिए थी, जब तक कि पुराना बकाया नहीं चुकाया जाता. लेकिन, बकाया चुकाने के बजाय, उसने गलत वित्तीय जानकारी देकर और अधिकारियों से मिलीभगत करके और अधिक सोना उठाना जारी रखा.
कंपनी से खरीदे सोने को बुलियनों को बेचा
ED की जांच में यह भी सामने आया कि सुकेश गुप्ता और एमबीएस ग्रुप की कंपनियों ने खरीदे गए सोने के बुलियन और गहनों को ग्राहकों को बेच दिया और उससे मिले पैसे को कई कंपनियों और निदेशकों के जरिए डायवर्ट और हेराफेरी की. ईडी ने इससे पहले 16 अक्टूबर 2018, 12 जुलाई 2019 और 17 अक्टूबर 2022 को सुकेश गुप्ता के घर और उनकी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी.
363.50 करोड़ की संपत्ति है अटैच
17 अक्टूबर 2022 को सुकेश गुप्ता के घर और उनकी कंपनियों के ठिकानों पर हुई छापेमारी में ईडी ने 149.10 करोड़ रुपये मूल्य के गहने और 1.96 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए. इसके अलावा, 26 अगस्त 2021 को ईडी ने 363.50 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर दी थीं. ईडी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य संपत्तियों और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पहलुओं की पड़ताल कर रही है.
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