January 16, 2025
26 जनवरी से पहले दिल्ली कूच की तैयारी में किसान, शंभू बॉर्डर से फिर मार्च शुरू करने का ऐलान

26 जनवरी से पहले दिल्ली कूच की तैयारी में किसान, शंभू बॉर्डर से फिर मार्च शुरू करने का ऐलान​

Farmer Protest: पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से बात करते हुए किसान मजदूर मोर्चा के नेता पंधेर ने पिछले 11 महीनों से शंभू और खनौरी में डेरा डाले किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की.

Farmer Protest: पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से बात करते हुए किसान मजदूर मोर्चा के नेता पंधेर ने पिछले 11 महीनों से शंभू और खनौरी में डेरा डाले किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की.

26 जनवरी पास आते ही किसान आंदोलन (Farmer Protest) एक बार फिर से एक्टिव होने जा रहा है. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर (Sarwan Singh Pandher) ने गुरुवार को कहा कि 101 किसानों का एक समूह 21 जनवरी को शंभू बॉर्डर लाइन से दिल्ली के लिए अपना मार्च फिर से शुरू करेगा, ताकि सरकार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके.

फिर शुरू होगा किसान आंदोलन

इससे पहले 101 किसानों के जत्थे ने पिछले साल छह दिसंबर, आठ दिसंबर और 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से पैदल दिल्ली की ओर जाने की तीन कोशिश की थीं. उन्हें हरियाणा में सुरक्षा कर्मियों ने आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी थी. प्रदर्शनकारी किसानों के दिल्ली मार्च के ऐलान से एक दिन पहले, 111 किसानों के एक समूह ने बुधवार को अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाते हुए खनौरी के पास बॉर्डर से हरियाणा की ओर आमरण अनशन शुरू किया. बता दें कि डल्लेवाल के आमरण अनशन का ये 52वां दिन है.

दिल्ली कूच की तैयारी में 101 किसानों का जत्था

पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बात करते हुए किसान मजदूर मोर्चा के नेता पंधेर ने पिछले 11 महीनों से शंभू और खनौरी में डेरा डाले किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा,” दोनों मंचों (एसकेएम-गैर राजनीतिक, केएमएम) ने आज फैसला किया कि 101 किसानों का जत्था 21 जनवरी को शंभू सीमा से दिल्ली के लिए अपना मार्च फिर से शुरू करेगा.”

उन्होंने कहा कि हमने देखा है और हमें भी लगता है कि सरकार किसी भी बातचीत के लिए तैयार नहीं है. आंदोलन को तेज करने का फैसला दोनों मंचों ने लिया है. कल 15 जनवरी को 111 किसानों के एक समूह ने अपने नेता डल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाते हुए आमरण अनशन शुरू किया और कसम खाई कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे पीछे नहीं हटेंगे.

डल्लेवाल संग आमरण अनशन पर बैठे किसान

नया ‘जत्था’ हरियाणा की सीमा पर आमरण अनशन पर बैठा है. डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब की तरफ खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. हरियाणा पुलिस ने बॉर्डर के अपने हिस्से पर सुरक्षा बढ़ा दी है. इसने पहले ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी है, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध है. प्रदर्शनकारी किसानों ने डल्लेवाल के ‘बिगड़ते’ स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि लंबे समय तक उपवास के कारण उनके ‘कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं.’

MSP पर गारंटी समेत अन्य मांगों पर अड़े किसान

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं दरअसल सुरक्षा बलों ने उन्हें अपनी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी थी.

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