March 1, 2025
8 फीट बर्फ, 20 से ज्यादा मजदूर और 24 घंटे, अब तक कहां पहुंचा माणा में दबे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन?

8 फीट बर्फ, 20 से ज्यादा मजदूर और 24 घंटे, अब तक कहां पहुंचा माणा में दबे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन?​

चमोली में रेस्क्यू ऑपरेशन कर अभी तक 33 मजूदरों को बाहर निकाल लिया गया है. हालांकि 20 से ज्यादा मजदूर अब भी फंसे हैं. SDRF, NDRF, जिला प्रशासन, आईटीबीपी और बीआरओ की टीमें लगातार कोशिशों में जुटी हुई हैं.

चमोली में रेस्क्यू ऑपरेशन कर अभी तक 33 मजूदरों को बाहर निकाल लिया गया है. हालांकि 20 से ज्यादा मजदूर अब भी फंसे हैं. SDRF, NDRF, जिला प्रशासन, आईटीबीपी और बीआरओ की टीमें लगातार कोशिशों में जुटी हुई हैं.

उत्तराखंड में बर्फ जमकर तबाही मचा रही है. शुक्रवार सुबह चमोली के माणा में ऐसा बर्फीला तूफान आया कि सड़क निर्माण कार्य में जुटे 57 मजदूर दब गए, जिनमें से 33 को बाहर निकाल लिया गया. इस तूफान को आए 24 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन 20 से ज्यादा मजदूर अब भी करीब 8 फीट बर्फ के नीचे दबे हुए हैं. उनकी तलाश के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को शनिवार सुबह फिर से शुरू कर दिया गया है. दरअसल शुक्रवार शाम 6 बजे अंधेरा होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू तो हो गया है लेकिन मौसम खराब होने की वजह से नई टीमें वहांं नहीं पहुंच पा रही हैं. वहीं शुक्रवार रात को बर्फ के नीचे से निकाले गए मजदूरों को माणा गांव के पास सेना के कैंप ले जाया गया था. कई मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है. सेना और ITBP के जवान बर्फ में दबे बाकी मजदूरों की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं.

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बता दें कि शुक्रवार को भारी बर्फबारी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी रुकावट देखी गई. मज़दूरों को बर्फ से बाहर निकालने के लिए जोशीमठ से हवाई मार्ग के जरिये SDRF की टीमें भेजी गईं. घटना स्थल से 30 किलोमीटर सड़क पर बर्फ जमी होने की वजह से वहां पहुंचने में रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस बात को माना कि बचाव काम चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास करीब सात फुट तक बर्फ जमी हुई है. हालांकि, उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं.

ये रही चमोली एवलांच का शिकार मजदूरों की लिस्ट

चमोली पुलिस ने माणा में फंसे 55 श्रमिकों के नामों की सूची जारी कर दी है. राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक, 33 मजदूरों को बचा लिया गया है. उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी सूची के अनुसार फंसे हुए मज़दूर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों से हैं

चमोली पुलिस ने 28 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में हुए हिमस्खलन में फंसे 55 श्रमिकों के नामों की सूची जारी की।

राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार 33 श्रमिकों को बचा लिया गया है। वहां 55 श्रमिक थे।

(तस्वीरें: चमोली पुलिस/X) pic.twitter.com/DAZykJNbeX

— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2025

चमोली में देर रात हुई भारी बारिश की वजह से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनिमथ और पागलनाला में मलबा आ गया है, जिसके चलते मार्ग अवरुद्ध हो गया है. चमोली पुलिस का कहना है कि सभी जगहों से मलबा हटाने का कार्य जारी है. जल्द ही रास्ता सुचारू रूप से चलना शुरू हो जाएगा.

#WATCH ऋषिकेश: पहाड़ों से मलबा गिरने के कारण ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग कर्णप्रयाग के पास अवरुद्ध है। pic.twitter.com/HGMd5zPsyl

— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2025

माणा में बर्फ के नीचे कैसे दबे मजदूर?

चमोली में एवलांच की यह घटना शुक्रवार सुबह सवा 7 बजे के करीब हुई. जानकारी के मुताबिक सभी 57 मजदूर कंटेनर में सो रहे थे.इस दौरान वहां एक बर्फीला तूफान आया और कंटेनर बर्फ से ढक गया. तभी ये मजदूर बर्फ के नीचे दब गए.ये हादसा बद्रीनाथ से करीब 3 किमी दूर चमोली के माणा गांव में हुई.

बद्रीनाथ जाएंगे सीएम पुष्कर धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी माणा में हिमस्खलन की घटना के बाद से चल रहे बचाव अभियान पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. वह अपने आवास से ही वहां मौजूद अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं. आज वह बद्रीनाथ जाकर मजदूरों का हालचाल जानेंगे और ITBP और सेना की तरफ से चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन का जायजा लेंगे.

चमोली हिमस्खलन | उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार सीएम आवास से चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। वे वहां मौजूद अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं।

(फाइल फोटो) pic.twitter.com/PeqHRUH4Ax

— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2025

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार देर रात एक बार फिर राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर बचाव कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने बचाव कार्यों में वायुसेना के हेलीकॉप्टर के साथ ही राज्य सरकार की एजेंसी ‘युकाडा’ और निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टर को भी शनिवार सुबह से बचाव कार्यों में शामिल करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक श्रमिक की सुरक्षित वापसी के लिए जो भी संभव होगा, हम वह करेंगे.

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