बीके नागराजप्पा और उनके साथियों ने एक बेहद योजनाबद्ध और ‘फूल-प्रूफ’ तरीका अपनाकर इस घोटाले को अंजाम दिया. छापों के दौरान मिले सबूतों के आधार पर ईडी ने बीके नागराजप्पा को PMLA के तहत गिरफ्तार किया.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत बेंगलुरु में कई ठिकानों पर छापेमारी की. इस कार्रवाई में कर्नाटक भोवी विकास निगम (KBDC) के दफ्तर सहित आरोपियों और संदिग्धों के आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई.
छापेमारी के दौरान ईडी को आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और प्रॉपर्टीज से जुड़ी जानकारियां मिलीं जो अवैध तरीकों से अर्जित की गई थीं. ईडी ने यह जांच कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिसमें लगभग 97 करोड़ रुपये के गबन और दुरुपयोग की बात सामने आई थी.
जांच में यह सामने आया कि KBDC के तत्कालीन महाप्रबंधक बीके नागराजप्पा ने भोवी समुदाय के एजेंटों द्वारा उपलब्ध कराए गए फर्जी लाभार्थियों के बैंक खातों का उपयोग करके सरकारी फंड्स को गबन किया. इसके बाद ये पैसे फर्जी संस्थाओं के जरिए उनके दोस्तों और रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर किए गए.
बीके नागराजप्पा और उनके साथियों ने एक बेहद योजनाबद्ध और ‘फूल-प्रूफ’ तरीका अपनाकर इस घोटाले को अंजाम दिया. छापों के दौरान मिले सबूतों के आधार पर ईडी ने बीके नागराजप्पा को PMLA के तहत गिरफ्तार किया. बाद में उन्हें बेंगलुरु की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की ईडी कस्टडी में भेज दिया गया है. फिलहाल मामले में आगे की जांच जारी है.
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