AIADMK quits NDA: तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक ने एनडीए से अलग होने का अधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया है। चेन्नई में पार्टी के मुख्य कार्यालय में सांसदों, विधायकों और जिला प्रमुखों की बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित होने के बाद अन्नाद्रमुक के उप महासचिव केपी मुनुसामी ने औपचारिक रूप से अलग होने की घोषणा की। बीजेपी और उसके नेतृत्व वाले एनडीए से गठबंधन तोड़ने के बाद चेन्नई में कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया।
दिल्ली में गठबंधन कायम रखने का हुआ था अंतिम प्रयास
दिल्ली में एआईएडीएमके और बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के बीच गठबंधन बचाने और एनडीए कुनबा में सदस्यों की संख्या कम न होने का अंतिम प्रयास हुआ। दोनों दलों ने तनाव को कम करने की कोशिशें की। एआईएडीएमके किसी भी सूरत पर अपने संस्थापक एमजीआर के मेंटर अन्नादुरई का अपमान बर्दाश्त करने के मूड में नहीं दिखी। अन्नाद्रमुक ने बीजेपी के सामने शर्त रखी कि या तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई माफी मांगे या बीजेपी टॉप लीडरशिप उनको बदलकर नया अविवादित प्रदेश अध्यक्ष बनाएं। लेकिन बीजेपी ने यह कहते हुए प्रदेश अध्यक्ष बदलने से इनकार कर दिया कि वह तमिलनाडु में पार्टी को मजबूत कर रहे हैं। बीजेपी के इनकार के बाद एआईएडीएमके ने पार्टी की मीटिंग में महत्वपूर्ण फैसला लिया।
अन्नामलाई की टिप्पणियों के चलते तोड़ा गठबंधन
दरअसल, अन्नाद्रमुक ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई की टिप्पणियों के चलते गठबंधन तोड़ा है। तमिलनाडु में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के.अन्नामलाई हैं। वह समानरूप से डीएमके और एआईडीएमके पर हमला बोलते रहते हैं। जून महीना में ही अन्नामलाई ने एक अंग्रेजी दैनिक के साथ इंटरव्यू में अन्नाद्रमुक आइकन पूर्व सीएम जे.जयललिता पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराए जाने को लेकर की गई अन्नामलाई की टिप्पणी से अन्नाद्रमुक खासी नाराज हो गई, अन्नामलाई पर कार्रवाई की मांग करते हुए गठबंधन तोड़ने की धमकी दी थी। हालांकि, बाद में मामला शांत हो गया था। लेकिन अन्नामलाई ने अन्नाद्रमुक के सर्वमान्य अन्नादुरई पर टिप्पणी करके आग को और भड़का दिया। इसके बाद अन्नाद्रमुक ने बीजेपी से अपना गठबंधन तोड़ लिया।
द्रविड़ विचारधारा वाले राज्य में बीजेपी से हुआ एआईएडीएमके को नुकसान
भाजपा के अन्नाद्रमुक के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं लेकिन आम तौर पर पार्टी ने कभी उसके साथ दूरी ही बनाए रखी। जयललिता ने वास्तव में बीजेपी के साथ कभी औपचारिक गठबंधन नहीं किया। अन्नाद्रमुक की पूर्व सीएम जयललिता ने अपने जीवनकाल में कभी भी इसलिए बीजेपी के साथ औपचारिक गठबंधन नहीं किया क्योंकि उनका मानना था कि यह राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में फिट नहीं हो सकता जहां द्रविड़ विचारधारा का प्रभुत्व है। 2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनावों सहित, अन्नाद्रमुक उन सभी चुनावों में हार गई है जिनमें उसने भाजपा के साथ गठबंधन किया था। अन्नाद्रमुक को बीजेपी एक बोझ के रूप में दिख रही। इसलिए उसने जल्द से उसे छोड़ने का फैसला लिया है।
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