इलाहाबाद HC के अजीबो-गरीब आदेश पर Supreme Court का स्टे: Rape पीड़िता मांगलिक है या नहीं? जांच का दिया था आदेश

Allahabad High Court weird order for Rape victim: रेप पीड़िता की कुंडली जांच करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादित आदेश पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हस्तक्षेप किया है। विदेश यात्रा पर होने के बाद भी सीजेआई ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए बिना देर किए हस्तक्षेप किया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऐसे समय पर इंटरवीन किया जब कोर्ट में छुट्टियां चली रही हैं और शनिवार व रविवार को सुनवाई नहीं होती है। सीजेआई के निर्देश के बाद एक बेंच ने तत्काल इस मामले की सुनवाई कर हाईकोर्ट के फैसले को स्टे कर दिया है।

प्रोफेसर पर शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक रेप पीड़िता के केस में आरोपी की जमानत पर सुनवाई करते हुए उसकी कुंडली जांचने का आदेश दिया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप लगाया था। आरोपी प्रोफेसर पर केस दर्ज होने के बाद अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया था। जेल में बंद प्रोफेसर ने जमानत की याचिका 23 मई को हाईकोर्ट में दायर किया।

जमानत याचिका के लिए आवेदन करने वाले ने हाईकोर्ट को बताया कि वह महिला से इसलिए शादी नहीं कर सकता क्योंकि वह मांगलिक है। 23 मई को उच्च न्यायालय ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख को महिला की कुंडली की पड़ताल करने का आदेश दिया ताकि यह जांचा जा सके कि उसका दावा सही है या नहीं। कोर्ट ने महिला की कुंडली सीलबंद लिफाफे में जमा करने को कहा और निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश की जाए।

CJI ने विदेश से किया हस्तक्षेप

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अजीबो-गरीब आदेश की जानकारी होने पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बिना देर किए हस्तक्षेप कर रजिस्ट्री को तत्काल केस की सुनवाई करने के लिए बेंच गठित करने का निर्देश दिया। सीजेआई ने यह निर्देश विदेश में होने के बाद भी दिया। सीजेआई का यह कदम और विशेष हो जाता है क्योंकि अभी सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियां चल रही हैं और शनिवार-रविवार को कोई सुनवाई नहीं होती है।

लेकिन सीजेआई को शनिवार सुबह इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बारे में पता चला और उन्होंने रजिस्ट्री को इस मामले की सुनवाई के लिए एक बेंच गठित करने का निर्देश दिया। इस आदेश के बाद जस्टिस सुंधाशु धूलिया और पंकज मित्तल की बेंच का गठन हुआ और दोपहर 3 बजे एक स्पेशल मीटिंग में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया गया। अगली सुनवाई अब जुलाई में होगी।