November 24, 2024
Anant Chaturdashi 2024: आज किस शुभ मुहूर्त में किया जाएगा गणेश विसर्जन जानें यहां, बप्पा को इस समय करें विदा

Anant Chaturdashi 2024: आज किस शुभ मुहूर्त में किया जाएगा गणेश विसर्जन जानें यहां, बप्पा को इस समय करें विदा​

Ganesh Visarjan Time: अनंत चतुर्दशी के दिन आज कुछ शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिनमें गणपति विसर्जन किया जा सकता है. जानिए विसर्जन के शुभ समय के बारे में.

Ganesh Visarjan Time: अनंत चतुर्दशी के दिन आज कुछ शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिनमें गणपति विसर्जन किया जा सकता है. जानिए विसर्जन के शुभ समय के बारे में.

Ganesh Visarjan 2024: गणेशोत्सव की शुरूआत गणेश चतुर्थी से होती है और समापन अनंत चतुर्दशी के साथ हो जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल 16 सितंबर की दोपहर से अनंत चतुर्दशी की तिथि दोपहर 3 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर 17 सितंबर की सुबह 11 बजकर 44 मिनट तक रहेगी जिस चलते उदया तिथि को मानते हुए अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) आज 17 सितंबर, मंगलवार के दिन मनाई जा रही है. अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन करके गणपति बप्पा को अलविदा कह दिया जाता है. इस दिन कुछ शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिनमें बप्पा की पूजा-आराधना के बाद विधिपूर्वक विसर्जन किया जा सकता है.

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गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त | Ganesh Visarjan Shubh Muhurt

17 सितंबर के दिन अनंत चतुर्दशी के अवसर पर 4 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. ये 4 शुभ चौघड़िया मुहूर्त हैं जिनकी विशेष धार्मिक मान्यता होती है. माना जाता है कि चौघड़िया मुहूर्त में किए गए विसर्जन कार्य उत्तम फल देते हैं.

गणपति बप्पा के विसर्जन का पहला शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) सुबह 9 बजकर 11 मिनट से 1 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. यह चर, लाभ और अमृत मुहूर्त है.

अपराह्न मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 19 मिनट से 4 बजकर 51 मिनट तक रहेगा.

सायाह्न मुहूर्त 7 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.

इसके बाद अगला शुभ मूहूर्त रात 10 बजकर 47 मिनट से 3 बजकर 12 मिनट (18 सितंबर) तक है.

गणेश विसर्जन की विधि

गणेश विसर्जन यूं तो गणेश चतुर्थी के कुछ-कुछ दिनों के अंतराल पर किया जाता है परंतु अनंत चतुर्थी का दिन गणपति विसर्जन के सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. गणेश विसर्जन करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है और पूजाघर की सफाई की जाती है. गणपति बप्पा (Lord Ganesh) को जलाभिषेक किया जाता है, पीला चंदन माथे पर लगाया जाता है, पुष्प, अक्षत, फल और दुर्वा आदि बप्पा के समक्ष अर्पित किए जाते हैं और भोग में बप्पा को मोदक के साथ-साथ लड्डू और नारियल का भोग लगाया जा सकता है. अंत में बप्पा को ढोल नगाड़ों के साथ विदा किया जाता है और कामना की जाती है कि बप्पा घर-परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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