29 सितम्बर तमिलनाडु के सेलम जिले के संघगिरी के निवासियों को पुल के पास एक बड़ा मिला था. इन लोगों ने तुरंत पुलिस को लापता सूटकेस मिलने की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने सूटकेस खोला तो एक लड़की की लाश मिली जिसके बदन पर कई जगहों पर जलाए जाने के निशान थे.
कुछ वक़्त पहले बेंगलुरु में एक अनाथ बच्ची की हत्या का मामला सामने आया था. जानकारी के मुताबिक़ बच्ची का शव एक ब्रीफ़केस के अंदर मिला था. इस मामले में पुलिस आरोपियों को उड़ीसा से गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि आईटी इंजीनियर दंपत्ति ने हत्या के अपने जुर्म को छिपाने की बहुत कोशिश की थी लेकिन फिर भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब रही.
क्या है पूरा मामला
29 सितम्बर तमिलनाडु के सेलम जिले के संघगिरी के निवासियों को पुल के पास एक बड़ा मिला था. इन लोगों ने तुरंत पुलिस को लापता सूटकेस मिलने की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने सूटकेस खोला तो एक लड़की की लाश मिली जिसके बदन पर कई जगहों पर जलाए जाने के निशान थे.
पुलिस ने चुनौती के तौर पर इस केस को लिया
पोस्टमार्टम से पता चला कि लड़की नाबालिग है. उसका नाम, पता या फोन कुछ भी वहां नहीं था. पुलिस को सिर्फ लाश मिली थी जो कि सूटकेस में फेंकी गई थी. यानी ना कोई पहचान ना ही कोई दूसरा सुराग. ना ही 14 से 18 साल की उम्र की किसी लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट आस पास के थाने में दर्ज कराई गई थी. हालांकि, फिर भी सेला के एसपी गौतम गोयल ने अपनी टीम को हिदायत दी कि इस बच्ची के आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए.
सुराग़ तलाशना मुश्किल था
पुलिस ने सूटकेस से ही अपनी तलाशी शुरू की. पुलिस को पता चला कि सूटकेस नया था और ऐसे में उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल से लेकर दुकानों की छानबीन की लेकिन उन्हें कोई ठोस सुराग नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हाइवे पर लगे सीसीटीवी फ़ुटेज को खंगालना शुरू किया. इस दौरान पुलिस को पता चला कि 28 सितंबर की रात को एक कार उस जगह रुकी थी, जहां उन्हें लाश वाला ब्रीफ़केस मिला था.
पार्किंग लाइट से मिला सुराग
अपराधियों ने लाश को ठिकाने लगाने के लिए हाइवे पर पार्किंग लाइट का इस्तेमाल किया था और इस वजह से पुलिस को शक हुआ. इसके बाद पुलिस ने आरटीओ से कार की डिटेल निकलवाई. कार के मालिक की पहचान 41 वर्षीय अविनाश साहू के रूप में हुई. वह बेंगलुरु की एक सॉफ़्टवेयर फ़र्म में काम करता था. उसने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी भी सॉफ़्टवेयर इंजीनियर है और वो भी बेंगलुरु में ही नौकरी करती है. पुलिस ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने ऐसी किसी भी वारदात में शामिल होने से इनकार किया लेकिन तब तक पुलिस को दंपत्ति पर शक हो गया था.
प्रोफेशनल अपराधियों की तरह लाश ठिकाने लगाई
पुलिस ने दंपत्ति पर नज़र रखना शुरू किया तो उन्हें तुरंत ही क्लू भी मिल गया. पुलिस ने जब अविनाश से संपर्क किया तो इसके तुरंत बाद उसने वकील को कॉल किया ताकि वो अगर गिरफ्तार हो जाए तो अपना बचाव कर सके. इतना ही नहीं अगले ही दिन उसने वकील को 5 लाख रुपये भी ट्रांसफ़र कर दिए. पुलिस को इसकी जानकारी बैंक ट्रांजेक्शन से मिल गई. इसके बाद पुलिस का शक पुख़्ता हो गया. पुलिस ने अविनाश का लोकेशन ट्रैक किया तो उन्हें पता चला कि वह उड़ीसा के जैजपुर में है. इसके बाद सेलम पुलिस की टीम को वहां भेजा गया. इसी बीच अविनाश ने अपनी पत्नी को भी उड़ीसा बुला लिया था. जैसे ही अविनाश की पत्नी भुवनेश्वर स्टेशन पर उतरी तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया फिर दोनों को बेंगलुरु और यहां से सेलम ले जाया गया.
ये थी हत्या की वजह
पूछताछ से जो जानकारी सामने आई वो इंसानियत को शर्मसार करने वाली है. दरअसल, जिस लड़की का शव मिला था उसका नाम सुनैना है. 15 की सुनैना अनाथ थी और राजस्थान की रहने वाली थी. अविनाश के पिता अनाथाश्रम चलाते है वहां से अविनाश सुनैना को लेकर आया था और पिछले 3 महीनों से वह अविनाश के घर पर काम कर रही थी. सूटकेस में लाश 29 सितंबर को मिली थी. 27 सितंबर यानी घटना वाले दिन सुनैना घर में पानी गर्म कर ले जा रही थी लेकिन गलती से गर्म पानी अविनाश साहू पर गिर गया. इससे अविनाश साहू जल गया और उसने अपनी नौकरानी को थप्पड़ जड़ दिया. इस वजह से वह गिर गई.
इतने में अविनाश साहू की पत्नी अश्विन पाटिल वहां पहुंची. उसे भी गुस्सा आया. उसने गर्म पानी अपनी नौकरानी पर फैंका और बेलन से उसकी पिटाई कर दी. सर पर लगे चोट की वजह से सुनैना की मौत हो गई. अविनाश की पत्नी अश्विन अपनी नौकरानी से नाराज थी. उसका मानना था कि सुनैना खाना चोरी करती है और उसके 5 साल के बच्चे का ठीक से देखभाल नहीं करती. इससे सुनैना से वो काफी गुस्सा थी. उसने अपना आपा खोया और गुस्से में सुनैना की जमकर बेलन से पिटाई कर दी. सर पर गंभीर चोट सुनैना की मौत की वजह बनी.
सुनैना की मौत के बाद पति पत्नी ने बाजार से सूटकेस खरीदा, सुनैना की लाश उसमें रखी और फिर सेलम के संघगिरी में फेंक दिया और वहां से वापस लौट आए. इस इंजीनियर दंपत्ति को भरोसा हो गया कि उनका जुर्म छुप गया है क्योंकि जिसकी हत्या हुई उसका कोई अपना नहीं है और उन्होंने लाश को ठिकाने लगा दिया. ऐसे में इन्हें भरोसा था कि उनपर किसी को शक नहीं होगा लेकिन सेलम पुलिस की सूझबूझ और तकनीक ने इस IT दंपत्ति का राज़फाश कर दिया. दोनों का एक पांच साल का बेटा भी है.
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