Bharat Ratna Karpoori Thakur: बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’

Bharat Ratna award: देश का सर्वोच्च सम्मान, भारत रत्न, कर्पूरी ठाकुर को दिया जाएगा। कर्पूरी ठाकुर, बिहार के सामाजिक न्याय आंदोलन के प्रणेता माने जाते हैं। वह बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और एक बार उप मुख्यमंत्री पद पर रहे। बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को राज्य में पहली बार ओबीसी आरक्षण लागू करने का श्रेय जाता है। वह जननायक के रूप में लोकप्रिय हैं। श्री ठाकुर को यह सम्मान, उनकी जन्मशती वर्ष पर दिया जा रहा है। 24 जनवरी को उनकी जयंती है।

समस्तीपुर में हुआ था जन्म

भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के समस्तीपुर के पितौंझिया गांव के एक नाई परिवार में हुआ था। पिता का नाम गोकल ठाकुर और माता का नाम रामदुलारी देवी था। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में 26 महीने तक जेल में रहने वाले कर्पूरी ठाकुर ने आजादी के बाद शिक्षक के रूप में गांव के विद्यालय में अध्यापन किया। हालांकि, 1952 के विधानसभा चुनाव में वह ताजपुर से पहली बार सोशलिस्ट पार्टी से विधायक बने। टेल्को मजदूरों की मांग के लिए 1970 में वह 28 दिनों तक का आमरण अनशन कर सरकार को झुकने को मजबूर किए थे। वह 1967 में पहली बार उप मुख्यमंत्री बनें। राज्य के उपमुख्यंत्री व शिक्षामंत्री के रूप में कर्पूरी ठाकुर ने अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर हिंदी को लागू किया था।

पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री

बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किया। नितिश कुमार सरकार के पहले बिहार में संपूर्ण शराब बंदी को उन्होंने लागू किया था। कर्पूरी ठाकुर समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव को अपना आदर्श मानते थे। वह देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के भी साथ रहे। बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री नितिश कुमार, शरद यादव, रामविलास पासवान जैसे समाजवादी नेता उनको अपना आदर्श मानते हैं।