दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि वह इस स्तर पर विशेष विधानसभा सत्र बुलाने के लिए स्पीकर को आदेश जारी करने का इच्छुक नहीं है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी को झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 कैग रिपोर्टों पर चर्चा के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाने के लिए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने की 7 बीजेपी विधायकों की याचिका खारिज कर दी. दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि वह इस स्तर पर विशेष विधानसभा सत्र बुलाने के लिए स्पीकर को आदेश जारी करने का इच्छुक नहीं है. हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश करने में दिल्ली सरकार की ओर से अत्यधिक देरी करने की बात को स्वीकार किया.
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जितेंद्र महाजन ने पिछले साल याचिका दायर की थी और विधानसभा अध्यक्ष को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश करने के उद्देश्य से विधानसभा की बैठक बुलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता नीरज और सत्य रंजन स्वैन के माध्यम से याचिका दायर की.
अध्यक्ष और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकीलों ने अदालत द्वारा इस तरह के निर्देश पारित करने का विरोध किया और कहा कि इस समय रिपोर्ट पेश करने की कोई जल्दी नहीं है, जब विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाले हैं. जवाब में, विधानसभा सचिवालय ने कहा कि कैग रिपोर्ट को विधानसभा के समक्ष रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा, क्योंकि फरवरी में इसका कार्यकाल समाप्त हो रहा है और विधानसभा के आंतरिक कामकाज के मामलों में अध्यक्ष के लिए कोई न्यायिक आदेश पारित नहीं किया जा सकता है.
गत 13 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान, अदालत ने कहा कि कैग रिपोर्ट को चर्चा के लिए विधानसभा के समक्ष तुरंत रखा जाना चाहिए था और राज्य सरकार द्वारा इस मुद्दे पर ‘अपने पैर पीछे खींचने’ से ‘उसकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है’.
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