देश ब्लैकआउट के कगार पर? गृहमंत्री ने की उर्जा मंत्री-कोयला मंत्री, एनटीपीसी के साथ हाईलेवल मीटिंग

नई दिल्ली। देश में कोयला के संकट (coal reserve crisis) से ब्लैकआउट का खतरा मंडराने लगा है। सरकार के इनकार व दिलासा के बावजूद लगातार चल रहे मीटिंग्स के दौर से संकट की गंभीरता को आसानी से समझा जा सकता है। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संकट से उबरने के लिए हर उपयोगी पहलुओं पर उर्जा और कोयला मंत्रियों के साथ मीटिंग की है। मीटिंग में एनटीपीसी (NTPC) के टॉप लेवल के अधिकारियों की भी मौजूदगी रही।
मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, उर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी सहित दोनों के मंत्रालयों के अधिकारी व एनटीपीसी के अधिकारियों ने मौजूदा संकट से उबरने पर चर्चा की है। हालांकि, मीटिंग में क्या निर्णय हुए यह सामने नहीं आ सका है।

पूरे देश में पॉवर प्लांट्स में हाहाकार

दरअसल, देश में कोयले की कमी (coal reserve crisis) की वजह से बिजली का संकट पैदा होता जा रहा है। कोविड-19 महामारी के बाद फिर से इंडस्ट्रीज खुल रहे हैं। ऐसे में बिजली की खपत बढ़ी है तो कोयले की मांग भी बढ़ रही है। उधर, कोयला आधारित थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले का स्टॉक खत्म होता जा रहा है। ऐसे में कोयले की कमी से बिजली प्रोडक्शन पर बड़ा असर पड़ रहा। क्योंकि 70 प्रतिशत बिजली का प्रोडक्शन कोयला से ही होता है। 
आज की तारीख में हालात यह है कि कहीं तीन दिन का कोयला बचा है तो कहीं दो दिन का। ऐसे में अगर कोयला की कमी पूरी नहीं हुई तो पूरे देश को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ सकता है।

दिल्ली सरकार ने भी चेताया

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा कि अधिकांश बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी है। बिजली संयंत्रों में केवल केवल 2-3 दिनों के लिए कोयले का स्टॉक बचा है। एनटीपीसी ने अपने संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को 50 से 55% तक सीमित कर दिया है। पहले 4000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन अब आधी भी बिजली नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि नियमानुसार किसी भी पावर प्लांट में पंद्रह दिन से कम का स्टॉक नहीं होना चाहिए। लेकिन स्थितियां उलट हैं। अब अगर स्थितियों (coal reserve crisis) को नहीं संभाला गया तो वह बिगड़ सकती हैं।

उर्जा मंत्री ने उर्जा कंपनियों को ही दे दी थी चेतावी

केंद्रीय उर्जा मंत्री (Union Power Minister)आरके सिंह (R K Singh) ने रविवार को कहा था कि देश में वास्तव में न तो कोई संकट है ना ही कोई संकट था। यह अनावश्यक रूप से बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है। केंद्रीय उर्जा मंत्री ने गेल (GAIL) और टाटा पॉवर (Tata Power) के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पर सख्त ऐतराज जताया था।

दिल्ली में डिस्कॉम की मीटिंग के बाद केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि हमारे पास औसत कोयला भंडार (पावर स्टेशनों पर) है जो 4 दिनों से अधिक समय तक चल सकता है। स्टॉक हर दिन भर दिया जाता है। मैं (केंद्रीय कोयला और खान मंत्री) प्रल्हाद जोशी के संपर्क में हूं।

आरके सिंह ने टाटा पॉवर और गेल के अधिकारियों पर चेतावनी दी साथ ही एसएमएस भेजकर दहशत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वास्तव में न तो कोई संकट था और न ही कोई संकट था। यह अनावश्यक रूप से बनाया गया था। उन्होंने टाटा पावर के सीईओ को चेतावनी दी है यदि वे ग्राहकों को आधारहीन एसएमएस भेजते हैं जो दहशत पैदा कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गेल और टाटा पावर के संदेश गैर-जिम्मेदाराना है।