बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि यूपी की विशाल आबादी को अनुभव है कि बीएसपी का आयरन लेडी नेतृत्व कथनी में कम व करनी में ज़्यादा विश्वास रखता है और अपने शासनकाल में बहुजनों का सर्वांगीण विकास करके उनके काफी अच्छे दिन लाकर दिखाए भी हैं, जबकि दूसरी पार्टियों की सरकारों की अधिकतर बातें व दावे हवा हवाई व छलावा हैं.
बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन के मौके पर बसपा मुखिया मायावती ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बसपा ने अपने शासन काल में बहुजनों के विकास के लिए अच्छे दिन लाकर दिखाए. जबकि दूसरी सरकारों के दावे हवा-हवाई हैं. बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कांशीराम की जयंती के मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम जी को आज उनके जन्मदिन पर बीएसपी द्वारा देश भर में शत-शत नमन, माल्यार्पण, श्रद्धा-सुमन अर्पित व उनके ‘सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’ मूवमेंट को तन, मन, धन से मजबूत बनाने के संकल्प हेतु सभी का तहेदिल से आभार.
1. बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी को आज उनके जन्मदिन पर बीएसपी द्वारा देश भर में शत-शत नमन, माल्यार्पण, श्रद्धा-सुमन अर्पित व उनके ‘सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’ मूवमेन्ट को तन, मन, धन से मज़बूत बनाने के संकल्प हेतु सभी का तहेदिल से आभार।
— Mayawati (@Mayawati) March 15, 2025
उन्होंने आगे लिखा कि बहुजन समाज को अपार गरीबी, बेरोजगारी, शोषण, अत्याचार, पिछड़ेपन, जातिवाद, सांप्रदायिक हिंसा व तनाव आदि के त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए अपने कीमती वोट की ताकत को समझकर अपना उद्धार स्वयं करने योग्य बनने हेतु सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करना जरूरी है, यही आज के दिन का उच्च संदेश है.
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि यूपी की विशाल आबादी को अनुभव है कि बीएसपी का आयरन लेडी नेतृत्व कथनी में कम व करनी में ज़्यादा विश्वास रखता है और अपने शासनकाल में बहुजनों का सर्वांगीण विकास करके उनके काफी अच्छे दिन लाकर दिखाए भी हैं, जबकि दूसरी पार्टियों की सरकारों की अधिकतर बातें व दावे हवा हवाई व छलावा हैं.
मायावती के मार्गदर्शक थे कांशीराम
ज्ञात हो कि कांशीराम का जन्म ब्रिटिश शासन काल में पंजाब के रूपनगर (वर्तमान में रोपड़ जिले) में 15 मार्च, 1934 को हुआ था. कांशीराम ने राजनीति और समाज में एक बड़ा परिवर्तन लाने में भूमिका निभाई. दलितों के उत्थान के लिए बाबासाहेब अंबेडकर के जन्मदिन के मौके पर 14 अप्रैल 1984 को बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की. कांशीराम मायावती के मार्गदर्शक थे. मायावती ने कांशीराम की राजनीति को आगे बढ़ाया.
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