सूत्रों के मुताबिक, नए आयकर कानून (New Income Tax Law) में सरकार का लक्ष्य मौजूदा कानून की जटिलताओं को दूर कर पेज और सेक्शन्स को 60% तक कम करना है , ताकि इसे और सरल और प्रभावी बनाया जा सके.
सरकार संसद के आगामी बजट सत्र (Budget Session 2025) में नया आयकर कानून (New Income Tax Bill) पेश कर सकती है. इसका मकसद मौजूदा Income Tax Act, 1961 को आसान, स्पष्ट और समझने योग्य बनाना है. इस नए कानून में पृष्ठों की संख्या में करीब 60% तक की कटौती की जा सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने जुलाई 2024 के बजट भाषण में छह महीने के भीतर छह दशक पुराने आयकर अधिनियम की व्यापक समीक्षा का ऐलान किया था. इस काम की देखरेख के लिए CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने एक आंतरिक समिति बनाई है.इसके लिए कानून के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए 22 उप-समितियां बनाई गई हैं .
इस नए बदलाव का मकसद करदाताओं के लिए टैक्स सिस्टम को आसान बनाना,मौजूदा नियमों को सरल बनाना, मुकदमेबाजी को कम करना,अनावश्यक प्रावधानों को हटाना और टैक्स को लेकर ज्यादा स्पष्टता लाना है.
बजट सत्र की तारीखें
बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल 2025 तक चलेगा.पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगी और उसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश होगा. वित्त वर्ष 2025-26 का बजट (Union Budget 2025) 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. वहीं, बजट सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च से 4 अप्रैल तक होगा.
नया आयकर कानून कब आएगा?
सूत्रों के मुताबिक, नया आयकर कानून संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जा सकता है. यह मौजूदा कानून में सिर्फ संशोधन नहीं होगा, बल्कि एक नया कानून लाया जाएगा. इस समय इसका ड्राफ्ट Law Ministry द्वारा समीक्षा के अधीन है.
एक सूत्र ने कहा, “नया आयकर कानून संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा. यह एक नया कानून होगा, न कि मौजूदा कानून में संशोधन. वर्तमान में, कानून के मसौदे पर विधि मंत्रालय विचार कर रहा है और बजट सत्र के दूसरे भाग में इसे संसद में पेश किया जा सकता है.”
नए आयकर कानून से क्या बदलाव होंगे?
कानून को आसान भाषा में लिखा जाएगा ताकि आम लोग इसे आसानी से समझ सकें.अनावश्यक और अप्रचलित प्रावधानों को हटाया जाएगा.कर विवादों (Tax Litigation) को कम किया जाएगा.टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन (Compliance) को आसान बनाया जाएगा.इसके लिए इन सुधारों के लिए आयकर विभाग को जनता और उद्योग जगत से 6,500 सुझाव प्राप्त किए हैं.सरकार ने आम जनता से सुझाव लेने के लिए चार प्रमुख क्षेत्रों – भाषा का सरलीकरण मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन में राहत और अप्रचलित प्रावधानों को हटाने पर फोकस किया है.
कितना बड़ा बदलाव हो सकता है?
मौजूदा Income Tax Act, 1961 में लगभग 298 सेक्शन और 23 चैप्टर हैं शामिल, जो व्यक्तिगत आयकर (Personal Income Tax), कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax), गिफ्ट टैक्स (Gift Tax), और प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax),सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स, को कवर करते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, नए कानून में सरकार का लक्ष्य मौजूदा कानून की जटिलताओं को दूर कर पेज और सेक्शन्स को 60% तक कम करना है , ताकि इसे और सरल और प्रभावी बनाया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा था कि नया कानून टैक्सपेयर्स के लिए अधिक निश्चितता लाएगा और मुकदमेबाजी में उलझी मांग को भी कम करेगा. इसके चलते टैक्सपेयर्स को राहत मिलने की उम्मीद है.
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