Budget 2025 Highlights: बजट में इस बार भारत को बुलंद बनाने की सोच दिखाई पड़ती है. हेल्थ से लेकर एजुकेशन, पर्यावरण से लेकर जॉब्स हर क्षेत्र को लेकर वैश्विक सोच दिखाई पड़ती है. यहां जानिए ऐसी ही घोषणाएं….
देश का बजट जब पेश होता है तो इससे हर आदमी प्रभावित होता है. चाहे वो रिक्शा चलाने वाला हो या किसी बड़ी कंपनी का मालिक. केंद्र सरकार की योजनाओं का असर सभी पर पड़ता है. यहां तक की राज्य सरकारों पर भी केंद्रीय बजट का बड़ा असर पड़ता है. हर राज्य सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार बजट में उसके लिए खास घोषणा कर दे. 2025-26 का बजट इनकम टैक्स में ऐतिहासिक बदलाव के कारण काफी सुर्खियां बटोर रहा है, लेकिन बजट में इससे भी बड़ी चीजें हैं, जो देश की दशा और दिशा आने वाले सालों में बदल देंगी. यहां जानिए पूरी लिस्ट…
सरकार ‘राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन’ करेगी स्थापित : सरकार ने केंद्रीय बजट 2025-26 में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्थापित करने की शनिवार को घोषणा की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस योजना के तहत सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (एमएसएमई) शामिल होंगे.उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्यों के लिए नीतिगत समर्थन, प्रशासन और निगरानी ढांचा उपलब्ध कराएगा. इसके जरिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर एमएसएमई को बढ़ावा देगी. साथ ही जमीन, इंफ्रास्ट्रक्चर और इज ऑफ डूइंग बिजनेस का माहौल बनाएगी. इससे छोटे-छोटे शहरों में फैक्ट्रियां लगेंगी. फैक्ट्रियां लगेंगी तो देश में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ेगा. आयात घटेगा और साथ ही देश में रोजगार बढ़ेगा.किसानों को क्या मिला : कृषि के लिए बजट में 1.27 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. सबसे पिछड़े 100 ज़िलों के लिए पीएम कृषि धन धान्य योजना की घोषणा की गई. इसका लक्ष्य इन ज़िलों में खेती की उत्पादकता बढ़ाना है. किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले लोन की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई. राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन चलाने का ऐलान किया गया है. दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन चलाने की घोषणा की गई है. सरकार ने ऐलान किया है कि अगले 4 सालों तक तुअर, उड़द और मसूर दाल की एमएसपी पर पूरी खरीद की जाएगी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में ऐलान किए गए हैं. इसके लिए 1.88 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. पिछले साल इसके लिए 1.76 लाख करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था. मनरेगा के लिए 86 हज़ार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. जबकि सबको घर देने वाली योजना पीएम ग्रामीण आवास योजना के लिए क़रीब 55 हज़ार करोड़ रुपये दिए गए हैं. लखपति दीदी योजना को और आगे बढ़ाने के लिए 19 हज़ार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. सहकारिता मंत्रालय को आवंटन 58.21 प्रतिशत बढ़ाकर 1,186.29 करोड़ रुपये किया गया है. विकास के साथ संस्कृति भी : सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संस्कृति मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि की है, जिसमें चालू वित्त वर्ष में 3,260.93 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के मुकाबले कुल आवंटन 3,360.96 करोड़ रुपये किया गया है. मंत्रालय के भीतर, एक बड़ा हिस्सा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को गया है, जिसे 2024-25 में आवंटित 1273.91 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,278.49 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चालू वर्ष में आवंटन को संशोधित कर 1191.99 करोड़ रुपये कर दिया गया था. राष्ट्रीय संग्रहालय और राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी जैसे संग्रहालयों को सांस्कृतिक संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने के लिए 126.63 करोड़ रुपये मिलेंगे. भारतीय कलाओं और कलाकारों को बढ़ावा देने वाली प्रमुख योजना कला संस्कृति विकास योजना (केएसवीवाई) के लिए 198.50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. प्राचीन लिपियों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन को 60 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है. इस बीच, सांस्कृतिक मानचित्रण पर राष्ट्रीय मिशन के लिए 22.46 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत सांस्कृतिक गतिविधियों को समेकित करना है. सरकार संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र जैसे स्वायत्त सांस्कृतिक संस्थानों को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगी. इन निकायों को सामूहिक रूप से 411.42 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, विक्टोरिया मेमोरियल और भारतीय संग्रहालय सहित संग्रहालयों को उनके प्रदर्शन और संपर्क कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए 379.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.सेमीकंडक्टर योजना और इंडियाएआई मिशन : सरकार ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए मोबाइल फोन, आईटी हार्डवेयर, सेमीकंडक्टर योजना और इंडियाएआई मिशन के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों (पीएलआई) सहित प्रमुख प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के लिए आवंटन को लगभग 84 प्रतिशत बढ़ाकर 18,000 करोड़ रुपये कर दिया है. बजट दस्तावेजों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की परियोजना के लिए संशोधित आवंटन लगभग 9,766 करोड़ रुपये है. इंडियाएआई मिशन के लिए आवंटन 11 गुना बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इंडियाएआई मिशन देश के कृत्रिम मेधा (एआई) परिवेश के विकास की अगुवाई कर रहा है, जिसमें कंप्यूटर अवसंरचना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के लिए कुल आवंटन चालू वित्त वर्ष के संशोधित आवंटन के तहत 17,566.31 करोड़ रुपये के मुकाबले 2025-26 के लिए लगभग 48 प्रतिशत बढ़ाकर 26,026.25 करोड़ रुपये कर दिया गया है. बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना के लिए 8,885 करोड़ रुपये का सबसे अधिक आवंटन किया गया है. यह मोबाइल फोन के उत्पादन पर केंद्रित है. इस योजना के तहत लाभार्थियों में एप्पल विक्रेता फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, लावा इंटरनेशनल आदि शामिल हैं. सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए आवंटन को चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित आवंटन 1,200 करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक करते हुए 2025-26 के लिए 2,499.96 करोड़ रुपये कर दिया गया है. सरकार को विभिन्न सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए कुल 1.52 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है.वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्या : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट में वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा को एक लाख रुपये करने और किराये पर कर की सीमा को 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा. सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के पास अधिक राशि सुनिश्चित करने के लिए इन कर संशोधनों की घोषणा की. वित्त मंत्री ने उन दरों और सीमाओं की संख्या को कम करके ‘स्रोत पर कर कटौती’ (टीडीएस) को तर्कसंगत बनाने का भी प्रस्ताव रखा, जिनके ऊपर टीडीएस काटा जाता है. उन्होंने कहा कि बेहतर स्पष्टता और एकरूपता के लिए कर कटौती के लिए सीमा राशि बढ़ाई जाएगी. सीतारमण ने कहा, ‘‘वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर कर कटौती की सीमा मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये की जा रही है.” वहीं 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों के मामले में ब्याज पर टीडीएस की सीमा मौजूदा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है. इसके साथ ही सरकार ने किराये से आय पर कर कटौती के लिए 2.40 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है. इससे टीडीएस के लिए जिम्मेदार लेनदेन की संख्या कम हो जाएगी, जिससे छोटे करदाताओं को फायदा होगा.ई-अदालत के तीसरे चरण के लिए बजट : देश में डिजिटल, ऑनलाइन और कागज रहित निचली अदालतें स्थापित करने की महत्वाकांक्षी ई-अदालत परियोजना के तीसरे चरण के लिए केंद्रीय बजट में 1,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. परियोजना के लिए धनराशि ‘ न्याय प्रदान करने एवं कानूनी सुधार राष्ट्रीय मिशन’ के तहत आवंटित की गई है. राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत भारतीय न्यायपालिका को सूचना एवं प्रौद्योगिकी के लिहाज से सक्षम बनाने के लिए ई-अदालत परियोजना 2007 से ही क्रियान्वित की जा रही है. परियोजना का दूसरा चरण 2023 में समाप्त हुआ. ई-अदालत परियोजना का तीसरा चरण 2023 से शुरू हुआ। इसका उद्देश्य पुराने रिकॉर्ड सहित अदालत के संपूर्ण रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के माध्यम से डिजिटल, ऑनलाइन और कागज रहित अदालतों की ओर बढ़ते हुए अधिक सुलभ न्याय व्यवस्था की शुरुआत करना है.हेल्थ बजट में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 2025-2026 के बजट में 99,858.56 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2024-2025 के बजट (संशोधित अनुमान) के 89,974.12 करोड़ रुपये से लगभग 11 प्रतिशत अधिक है. सरकार ने अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में ‘डे केयर’ कैंसर केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की है. इनमें से दो सौ ‘डे केयर’ कैंसर केंद्र वित्त वर्ष 2025-26 में ही स्थापित किए जाएंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2025-26 का बजट पेश करते हुए कहा कि अगले पांच वर्षों में 75,000 सीट जोड़ने के लक्ष्य की दिशा में अगले वर्ष मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीट जोड़ी जाएंगी. औषधियों/दवाइयों के आयात पर राहत के रूप में, कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए 36 जीवनरक्षक दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) से पूरी तरह छूट दी गई है. इसके अलावा 37 दवाओं के साथ-साथ 13 नई दवाओं और रोगी सहायता कार्यक्रमों के अंतर्गत आने वाली दवाओं को बीसीडी से छूट दी गई है, बशर्ते कि वे मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएं. वित्त मंत्री ने कहा कि ‘गिग वर्कर्स’ को पीएम जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे लगभग एक करोड़ ऐसे श्रमिकों को लाभ होगा. ‘गिग वर्कर्स’ उन श्रमिकों को कहा जाता है, जिनका काम अस्थायी होता है. दूसरे शब्दों में कहें तो ये किसी काम को अस्थायी तौर पर करते हैं और फिर बेहतर अवसर मिलने पर ये अपने काम को बदल लेते हैं। स्विगी, जोमैटो, उबर जैसे ऐप के जरिये सामान पहुंचाने वाले ‘वर्कर्स’ इसका उदाहरण हैं.बजट में शिक्षा, एआई पर क्या : सरकार द्वारा 2025-26 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए की गई बड़ी घोषणाओं में पांच नये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में 6,500 और छात्रों की शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार, मेडिकल की 10,000 नयी सीट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देना शामिल है. केंद्रीय बजट 2025-26 में शिक्षा मंत्रालय को 1.28 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किया गया है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. उच्च शिक्षा विभाग को जहां 50,067 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, वहीं स्कूली शिक्षा विभाग को 78,572 रुपये मिले हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवां केंद्रीय बजट पेश किया. उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं की पुस्तकों का डिजिटल रूप उपलब्ध कराने के लिए ‘भारतीय भाषा पुस्तक’ योजना शुरू करेगी.परमाणु ऊर्जा पर जोर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को देश में परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के परमाणु मिशन, कानूनी ढांचे में संशोधन करके निजी कंपनियों को शामिल करने और स्वदेशी तरीके से पांच छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर के विकास के साथ कई कदमों की घोषणा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए सीतारमण ने यह घोषणा भी की कि बिजली सुधारों को आगे बढ़ाने वाले सभी राज्य अपने जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) के 0.5 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज के लिए पात्र होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘बिजली क्षेत्र में सुधार… हम बिजली वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करेंगे और राज्यों द्वारा अंतर-राज्य पारेषण क्षमता बढ़ाएंगे. इससे बिजली कंपनियों की वित्तीय सेहत और क्षमता में सुधार होगा। इन सुधारों पर निर्भर राज्यों को जीएसडीपी का 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी जाएगी.” उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट का विकास हमारे ऊर्जा बदलाव प्रयासों के लिए आवश्यक है.पर्यवरण के लिए बड़ी पहल : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लिथियम-आयन बैटरी के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले पूंजीगत सामान पर शुल्क छूट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. इस कदम का मकसद इलेक्ट्रिक वाहनों और मोबाइल फोन में एक प्रमुख घटक लिथियम-आयन बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा, ”मैं छूट प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं की सूची में ईवी बैटरी विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत सामान और मोबाइल फोन बैटरी विनिर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत सामान जोड़ने का प्रस्ताव करती हूं.” वित्त मंत्री ने अपना रिकॉर्ड आठवां लगातार बजट पेश करते हुए कहा कि इससे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों दोनों के लिए लिथियम-आयन बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा.
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