अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने के बाद जैसे ही आम आदमी पार्टी बनाई तो वो पहले सीपी के इसी हनुमान मंदिर आशीर्वाद लेने के लिए गए थे.
दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) मंगलवार यानी 17 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं. उन्होंने रविवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इसका ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि मैं दो दिन बाद सीएम की कुर्सी छोड़ दूंगा. उनके इस ऐलान के बाद से ही 17 सितंबर की तारीख और मंगलवार के दिन को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं.हर कोई यह समझने की कोशिश कर रहा है कि आखिर सीएम केजरीवाल ने 17 सितंबर की तारीख और मंगलवार का दिन ही क्यों चुना. अगर उन्हें इस्तीफा देना ही था तो वह किसी भी दिन सकते थे फिर आखिर मंगलवार का ही दिन क्यों? चलिए जानते हैं आखिर क्यों है केजरीवाल को मंगलवार से खास लगाव.
कनॉट प्लेस के इस मंदिर से है विशेष जुड़ाव
कहा जाता है कि राजनीति में एंट्री के समय से ही सीएम अरविंद केजरीवाल का दिल्ली के कनॉट प्लेस से विशेष जुड़ाव रहा है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी जब केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी और कहा था कि वह आम चुनाव के दौरान प्रचार कर सकते थे.जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद ही अरविंद केजरीवाल इस हनुमान मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. इस मौके पर उनके परिवार के कई सदस्य और पार्टी के कई नेता भी उनके साथ थे.
अपने पहले चुनाव के समय भी मांगी थी मन्नत
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने के बाद राजनीति में अपना सफर शुरू करते ही 2013 में पहली बार केजरीवाल सीपी के हनुमान मंदिर गए थे. इसके बाद दिल्ली में उनकी सरकार बनी और वो 49 दिनों तक सीएम भी रहे. इसके बाद 2015 में जब दूसरी बार दिल्ली में चुनाव हुए जब केजरीवाल फिर सीएम बने तो वो एक बार फिर संकटमोचन के दरबार में गए.
ये कम लोगों को ही पता है कि जब अरविंद केजरीवाल ने आंदोलन के बाद पहली बार राजनीति में उतरने का ऐलान किया था तो उस समय उनके पास कोई अपना दफ्तर नहीं था. उस दौरान एक शख्स ने अपना खाली घर ही उन्हें दे दिया था ताकि वो वहां से अपना दफ्तर चला सकें. आम आदमी पार्टी का यह दफ्तर इसी हनुमान मंदिर के ठीक पीछे था.
2020 में विधानस चुनाव से पहले भी केजरीवाल ने लिया था आशीर्वाद
पिछली बार यानी 2020 जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए तो उससे पहले भी सीएम केजरीवाल सीपी के इस हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए आए. इसके बाद जब उनकी चुनाव परिणाम आए तो उनकी पार्टी ने बहुमत के साथ एक बार फिर सत्ता में वापसी की.
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