USD to INR Exchange Rate: रुपये ने पिछले तीन कारोबारी सत्रों में लगातार मजबूती दिखाई थी. इन तीनों सत्र में में रुपये ने कुल 66 पैसे की मजबूती दिखाई थी, लेकिन आज इसमें गिरावट आ गई.
Rupee vs Dollar: भारतीय रुपये में लगातार तीन कारोबारी सत्रों की मजबूती के बाद आज गिरावट देखने को मिली. बुधवार,19 मार्च को शुरुआती कारोबार में रुपया 10 पैसे कमजोर होकर 86.66 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. डॉलर इंडेक्स की मजबूती और वैश्विक व्यापार शुल्क (Global Trade Tariff) को लेकर बढ़ती चिंताओं का असर रुपये पर देखने को मिला. हालांकि, घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशक के रुख और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने रुपये को थोड़ा सहारा दिया.
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट क्यों आई?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.60 प्रति डॉलर पर खुला, लेकिन बाद में 86.68 के निचले स्तर तक चला गया. इसके बाद यह थोड़ा संभलकर 86.66 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रहा था. डॉलर सूचकांक (Dollar Index), जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाता है, 0.09% की बढ़त के साथ 102.98 पर पहुंच गया, जिससे रुपये पर दबाव बना.
तीन सत्रों की तेजी के बाद आई गिरावट
रुपये ने पिछले तीन कारोबारी सत्रों में लगातार मजबूती दिखाई थी.बीते दिन मंगलवार को रुपया 18 मार्च को रुपया 25 पैसे चढ़कर 86.56 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. वही, रुपया सोमवार को 24 पैसे की बढ़त के साथ 86.81 प्रति डॉलर पर था. बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन गुरुवार 14 मार्च को 17 पैसे चढ़कर 87.05 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. वहीं, होली के अवसर पर शुक्रवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था. इन तीनों सत्र में में रुपये ने कुल 66 पैसे की मजबूती दिखाई थी, लेकिन आज इसमें गिरावट आ गई.
विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर इंडेक्स की मजबूती और वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितताओं के चलते रुपये पर दबाव बना रह सकता है. हालांकि, घरेलू शेयर बाजारों में विदेशी निवेश जारी रहा तो रुपये को कुछ राहत मिल सकती है. मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयर बाजार में 694.57 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से मिल सकता है समर्थन
रुपये के लिए एक अच्छी खबर यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आई है. ब्रेंट क्रूड 0.27% की गिरावट के साथ 70.37 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे भारतीय करेंसी को कुछ सपोर्ट मिल सकता है.
फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों के फैसले पर नजर
रुपये की यह गिरावट कुछ समय के लिए हो सकती है, क्योंकि बाजार अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर होने वाले फैसले पर नजर रखेगा. अगर अमेरिकी सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कटौती के संकेत देता है, तो रुपये को फिर से मजबूती मिल सकती है
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