शैलजा कुमारी ने कहा, “मुझे टिकट देना या नहीं देना… ये तो हाईकमान का फैसला था. पार्टी ने उकलाना में किसी और को टिकट मिल गया. बेशक मैं वहां से लड़ना चाहती थी. मैंने ये बात सार्वजनिक तौर पर भी कही थी. लेकिन ये पार्टी का फैसला था कि मुझे चुनाव ना लड़वाए. ये भी है कि मैं चुनाव लड़ती, तो पार्टी को थोड़ा ज्यादा फायदा हो जाता…”
हरियाणा के विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections 2024) में कांग्रेस और BJP अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. हालांकि, टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के अपने संगठन और प्रदेश नेताओं के बीच असंतोष का सामना भी करना पड़ रहा है. इस रेस में सबसे पहला नाम शैलजा कुमारी का सामने आ रहा है. शैलजा अकलाना सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. भूपेंद्र हुड्डा गुट को ज्यादा तरजीह दिए जाने को लेकर माना जा रहा है कि शैलजा कुमारी कांग्रेस आलाकमान से नाराज हैं. NDTV से खास इंटरव्यू में शैलजा कुमारी का ये दर्द भी छलका. उन्होंने अपने अंदाज में कांग्रेस आलाकमान को खास मैसेज भी दे दिया. हालांकि, शैलजा ने पार्टी छोड़कर BJP या किसी और दल में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया है.
शैलजा कुमारी ने कहा, “मुझे टिकट देना या नहीं देना… ये तो हाईकमान का फैसला था. पार्टी ने उकलाना में किसी और को टिकट मिल गया. बेशक मैं वहां से लड़ना चाहती थी. मैंने ये बात सार्वजनिक तौर पर भी कही थी. लेकिन ये पार्टी का फैसला था कि मुझे चुनाव ना लड़वाए. ये भी है कि मैं चुनाव लड़ती, तो पार्टी को थोड़ा ज्यादा फायदा हो जाता…”
शैलजा कुमारी ने कहा, “शैलजा कांग्रेस में थी. कांग्रेस में है और कांग्रेस में रहेगी. कांग्रेस मेरा कमिटमेंट है. कांग्रेस मेरी विचारधारा है. कांग्रेस हमारा नेतृत्व है.”
हम सब मिलकर बनाएंगे कांग्रेस सरकार
हरियाणा चुनाव में INLD का बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन है. जबकि दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP ने नगीना से सांसद चंद्रशेखकर आजाद की आजाद समाज पार्टी के साथ हाथ मिलाया है. ऐसे में क्या शैलजा के चुनाव नहीं लड़ने से कांग्रेस को नुकसान होगा? इसके जवाब में शैलजा कहती है, “मैं कांग्रेस पार्टी की सिपाही हूं. पार्टी में 36 बिरादरी मिलकर काम कर रहे हैं. दलितों ने लोकसभा चुनाव में भी दिखाया कि वो पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी के साथ है. जो भी फैसला लिया गया है, वो आलाकमान का फैसला है. हम इस बार भी सब मिलकर सरकार बनाएंगे.”
पार्टी में क्या मुद्दे हैं?
इस सवाल के जवाब में कुमारी शैलजा ने कहा, “कई मुद्दे होते हैं, जो हम मीडिया के सामने नहीं रखते… अभी हमने अपनी सरकार बनाने के बारे में सोचना है. हमने अपने मुद्दे हाईकमान के सामने हमने रखे हैं. आगे भी रखेंगे..”
क्या पंजाब की तरह हरियाणा में भी बनना चाहिए दलित CM?
क्या पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी दलित CM नहीं बनना चाहिए? इसके जवाब में शैलजा कहती हैं, “वो आगे का फैसला है. आगे कौन CM बनेगा या नहीं बनेगा…चुनाव के बाद ये हाईकमान तय करेगा. पहले हमारा फोकस चुनाव जीतना है.”
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