India’s second longest Expressway: देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस (Ganga Expressway) यूपी में बन रहा है। इस साल के अंत तक इस का उद्घाटन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी महाकुंभ 2025 से पहले उत्तर प्रदेश को एक और बड़ी सौगात देने की तैयारी में हैं। मुख्यमंत्री ने दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे को तैयार करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने का आदेश यूपीडा को दिया है।
यूपी देश में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य
उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे वाला राज्य है। यहां 6 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं। यहां 7 एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं। इनमें गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) सीएम योगी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है। गंगा एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लंबाई 594 किमी है, जो मुम्बई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है। भारत के टॉप 10 लंबे एक्सप्रेस-वे में भी प्रदेश के चार एक्सप्रेस-वे पहले से ही अपना स्थान बनाए हुए हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे के संचालन के साथ ही शीर्ष 10 में यूपी के 5 एक्सप्रेस-वे शामिल हो जाएंगे।
31 दिसंबर तक एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने लगेगी गाड़ियां
योगी आदित्यनाथ इस एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) को 31 दिसंबर तक तैयार करने का निर्देश दिया है। यूपीडा के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उन्होंने कहा कि इस साल इस एक्सप्रेसवे का संचालन हर हाल में शुरू किया जाना है। 2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू कर दिया जाएगा।
12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए ये एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक की दूरी को महज कुछ घंटों में ही तय किया जा सकेगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा। 7467 हेक्टेयर भूमि पर तैयार होने वाले इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की लागत 36,230 करोड़ रुपये है।
Expressway पर गंगा और रामगंगा पर बनेंगे दो लंबे सेतु
गंगा एक्सप्रेस-वे को शुरुआत में छह लेन, जबकि आगे चलकर आठ लेन में विस्तार किये जाने का प्रस्ताव है। इसकी डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा होगी। एक्सप्रेस-वे पर विभिन्न स्थानों पर 9 जनसुविधा परिसरों को विकसित किया जाएगा। दो स्थानों पर मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज) और रैम्प टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित हैं।
इसके अलावा गंगा नदी पर (960 मीटर) और रामगंगा नदी पर (720 मीटर) बड़े ब्रिज का निर्माण भी होना है। यही नहीं शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किमी लंबे हवाई पट्टी का भी निर्माण होगा। गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट (Ganga Expressway) के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 अनापत्तियां में से 141 को प्राप्त कर लिया गया है। इनमें एनएचएआई/पीडब्लूयडी से 48 में से 44, रेलवे से 7 में से 7, सिंचाई विभाग से 88 में से 82 और फ्यूल पाइपलाइन से 10 में से 8 अनापत्तियां प्राप्त कर ली गई हैं। गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण में मेसर्स आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेसर्स अडाणी इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी बड़ी कंपनियां लगी हुई हैं।