लखनऊ। GST Council की 45वीं बैठक लखनऊ में शुक्रवार को संपन्न हुई। इस मीटिंग में सबकी निगाहें पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के फैसले पर थी लेकिन केंद्र सरकार के अनुसार आम आदमी को राहत देने का अभी सही समय नहीं आया है। दो दिनों के संशय पर से पर्दा उठाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फिलहाल पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया है। हालांकि, तेल कंपनियों को राहत देते हुए काउंसिल ने बायोडीजल पर लगने वाले जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का ऐलान किया है।
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं
वित्तमंत्री ने बताया कि जीएसटी काउंसिल को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य इस विचार से सहमत हैं।
उधर, तेल विपणन कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए आपूर्ति की जाने वाली बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। विशेष विकलांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी दरों को भी घटाकर 5% कर दिया गया है।
चुनावों की वजह से थी लोगों को उम्मीद
अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। इसलिए माना जा रहा था कि केंद्र सरकार Petrol-Diesel को भी GST के दायरे में लाने का फैसला कर सकती है लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है। वैसे अगर ऐसा होता तो पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो सकता था। अभी पेट्रोल 110 और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के ऊपर चल रहा है। एक्सपर्ट पहले से ही मान रहे थे कि यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि यह राज्य सरकारों की कमाई का एक बड़ा जरिया है।
कोरोना महामारी के बाद GST Council की यह पहली फिजिकल बैठक हुई है। इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही मीटिंग होती रही है।
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