NYT ने कहा कि HR स्मिथ ने 2023 और 2024 में HAL को प्रतिबंधित तकनीक की 118 खेपें भेजीं. इनकी कीमत 2 मिलियन डॉलर थी. NYT ने कहा कि उसने शिपिंग रिकॉर्ड की समीक्षा की थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकारी स्वामित्व वाली एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने रूस को हथियार आपूर्ति करने वाली एक ब्लैकलिस्टेड एजेंसी को संभावित सैन्य उपयोग वाली संवेदनशील तकनीक बेची है. सूत्रों ने बताया है कि ये दावा बिल्कुलग गलत है.
उन्होंने तथ्यात्मक रूप से इस गलत और भ्रामक रिपोर्ट की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह पॉलिटिकल नैरेटिव के अनुरूप मुद्दों को गढ़ने और तथ्यों को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है.
सूत्रों ने कहा, “रिपोर्ट में मेंशन भारतीय इकाई ने रणनीतिक व्यापार नियंत्रण और उपयोगकर्ता की प्रतिबद्धताओं को लेकर सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का ईमानदारी से पालन किया है.”
उन्होंने कहा, “रणनीतिक व्यापार पर भारत का मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा अपनी कंपनियों द्वारा ओवरसीज कॉमर्शियल वेंचर को गाइड करता है. प्रतिष्ठित मीडिया कंपनी से ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करते समय बुनियादी सावधानी बरतनी चाहिए, जिसे इस मामले में नजरअंदाज कर दिया गया.”
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
28 मार्च को न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया – ‘Major Donor to Reform U.K. Party Sold Parts Used In Weapons to Russian Supplier’, इसके बाद ही यह विवाद शुरू हुआ. द रिफॉर्म यूके पार्टी का नेतृत्व निगेल फरेज कर रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटिश एयरोस्पेस निर्माता एचआर स्मिथ ग्रुप ने एचएएल के जरिए लगभग 2 मिलियन डॉलर के ट्रांसमीटर, कॉकपिट उपकरण और अन्य संवेदनशील तकनीक भेजी थी, जो उन चीजों में से हैं जिनके बारे में ब्रिटिश और अमेरिकियों ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर रूस को नहीं बेची जा सकती हैं.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, “कुछ मामलों में भारतीय कंपनी HAL ने HR स्मिथ से उपकरण लिए और कुछ ही दिनों में, उसी पहचान वाले उत्पाद कोड के साथ रूस को पुर्जे भेज दिए.”
NYT ने कहा कि HR स्मिथ ने 2023 और 2024 में HAL को प्रतिबंधित तकनीक की 118 खेपें भेजीं. इनकी कीमत 2 मिलियन डॉलर थी. NYT ने कहा कि उसने शिपिंग रिकॉर्ड की समीक्षा की थी.
उस दौरान, HAL ने कथित तौर पर रोसोबोरोनएक्सपोर्ट को उन्हीं पुर्जों की 13 खेपें भेजीं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई रूसी हथियार एजेंसी है. इन खेपों की कीमत 14 मिलियन डॉलर से अधिक थी. रोसोबोरोनएक्सपोर्ट कथित तौर पर HAL के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है.
एचआर स्मिथ के वकील निक वॉटसन ने NYT को बताया कि बिक्री नियमों के मुताबिक थी, ये उपकरण भारतीय खोज और बचाव नेटवर्क के लिए बने थे और ये पार्ट्स जीवन रक्षक ऑपरेशन में इस्तेमाल होते हैं. ये सैन्य उपयोग के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं.
हालांकि, NYT द्वारा परामर्श किए गए कानूनी विशेषज्ञों ने संकेत दिया कि ब्रिटिश कंपनी ने भारतीय कंपनी को, बिक्री पर प्रतिबंधों का उल्लंघन किया हो सकता है.
दिसंबर 2023 में ब्रिटिश सरकार ने बिचौलियों के माध्यम से रूस को भेजे जा रहे संवेदनशील उपकरणों के बारे में कंपनियों को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया था.
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