Himachal Pradesh में कांग्रेस ने BJP से छीनी सत्ता, CM पद के लिए शुरू हुई मारामारी

Himachal Pradesh Assembly elections result 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जोरदार जीत दर्ज की है। बीजेपी को यहां सत्ता गंवानी पड़ी है। साथ ही पांच साल में नई सरकार का रिवाज भी कायम रहा। कांग्रेस ने यहां पूर्ण बहुमत के साथ 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि बीजेपी को 25 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी जीत दर्ज की है। सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। उधर, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राजभवन पहुंच राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया।

कांग्रेस के तीन पर्यवेक्षकों के सामने विधायक तय करेंगे कौन होगा नेता

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है। 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने सबसे अधिक 40 सीटें जीती है। कांग्रेस विधायकों को अब अपना नेता तय करना है जोकि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। हिमाचल में बन रही नई सरकार का मुख्यमंत्री चुनने के लिए कांग्रेस ने तीन पर्यवेक्षकों को भेजा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रभारी राजीव शुक्ला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है। तीनों पर्यवेक्षक नवनिर्वाचित विधायकों से रायशुमारी कर उनके सुझाए नाम या नामों को शीर्ष नेतृत्व को सौंपेंगे। दिल्ली में हिमाचल के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पद की रेस में कई नाम

हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की रेस में कई नाम सामने हैं। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी व प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का नाम भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में है। इसके अलावा सीनियर लीडर ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भी सीएम पद की रेस में प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। नवनिर्वाचित विधायकों में दोनों नेताओं के समर्थक हैं।

प्रतिभा सिंह बोलीं- नहीं है गुटबाजी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि विधायक दल की मीटिंग में नए नेता का चुनाव होगा। कांग्रेस पार्टी में किसी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है। हालांकि, उन्होंने अपनी दावेदारी की ओर इशारा करते हुए यह भी कह दिया कि पार्टी उस व्यक्ति (वीरभद्र सिंह) को नजरअंदाज नहीं कर सकती। वे उनके (वीरभद्र सिंह) परिवार की उपेक्षा नहीं कर सकते। हम उनके नाम, चेहरे और काम पर जीते हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि आप उनके नाम, चेहरे और परिवार का उपयोग करें और फिर सारा श्रेय किसी और को दें। आलाकमान भी ऐसा नहीं करेगा।