IIC के अध्यक्ष श्याम सरन ने कहा कि हम चाहते थे लोगों को यह दिखाना कि हमारा जो आजादी का आंदोलन था, उसके कई अलग और अनदेखे पहलू हैं. उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक, साहित्य और विज्ञान आजादी के आंदोलन के वो पहलू हैं, जिन्हें बेहतर समझने की जरूरत है.
दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) का 20वां वार्षिक समारोह आज से शुरू हो रहा है. 18 से 22 अक्तूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम का थीम खास है. “कल्पवृक्ष: फ्रीडम एंड आइडेंटिटी” की थीम के जरिए आजादी के आंदोलन में समाज के अनेक वर्गों के योगदान को एक नये तरीके से पेश किया जाएगा.
IIC के अध्यक्ष श्याम सरन ने कहा कि हम चाहते थे लोगों को यह दिखाना कि हमारा जो आजादी का आंदोलन था, उसके कई अलग और अनदेखे पहलू हैं. उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक, साहित्य और विज्ञान आजादी के आंदोलन के वो पहलू हैं, जिन्हें बेहतर समझने की जरूरत है.
5 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कला, संगीत, पेंटिंग, फ़िल्मों, नाटकों और बौद्धिकता समेत कई चीज़ों का अनूठा संगम देखने को मिलेगा. इन सब का मकसद समाज की विविधता को सेलिब्रेट करना है. कार्यक्रम में प्रदर्शनी पर लगाये गये हस्तलिपि पर टिप्पणी करते हुए IIC के सुधा गोपालाकृष्णन ने बताया कि “तरह-तरह के हस्तलिपि हैं जो अलग विषयों पर हैं और इनमें से अधिकतर विदेश के पुस्तकालयों से डिजिटली लाया गया है.”
कार्यक्रम में अवार्ड विनिंग फिल्ममेकर शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर के हास्य फिल्मों को भी दिखाया जाएगा. इसके अतिरिक्त प्रोफेसर रुद्रांगशु मुखर्जी, प्रदीप आप्टे, डॉ बलराम आदि के लेक्चर भी आयोजित किए जाएंगे.
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