IIT Jodhpur AI Degree: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर (IIT Jodhpur) ने एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI degree) में डिग्री कोर्स का ऐलान किया है.इस कोर्स की सबसे खास बात है कि इसके लिए जेईई स्कोर की जरूरत नहीं है.
IIT Jodhpur AI Degree Course: एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डिग्री करने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट के लिए एक अच्छी खबर है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर (IIT Jodhpur) ने एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI degree) में डिग्री कोर्स का ऐलान किया है. आईआईटी जोधपुर ने हाल ही में फ्यूचरेंस यूनिवर्सिटी (Futurense University) के साथ साझेदारी में अप्लाइड एआई और डेटा साइंस में बीएससी या बीएस शुरू करने की घोषणा की है. इस कोर्स की सबसे अच्छी बात है कि इसके लिए जेईई स्कोर की जरूरत नहीं होगी. संस्थान के अनुसार यह कार्यक्रम एआई और डेटा साइंस के तेज़ी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में पेशेवरों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करता है.
जेईई स्कोर जरूरी नहीं
आईआईटी जोधपुर के अप्लाइड एआई और डेटा साइंस डिग्री कोर्स की सबसे खास बात है कि इसके लिए जेईई मेन्स और जेईई एडवांस्ड पास करने की जरूरत नहीं है. इसमें स्टूडेंट को एडमिशन पाने के लिए जेईई स्कोर की जरूरत नहीं है.
ऑनलाइन मोड में होगा यह कोर्स
अप्लाइड एआई और डेटा साइंस में बीएससी या बीएस डिग्री छात्रों और कामकाजी पेशेवरों दोनों के लिए है. यह कोर्स ऑनलाइन मोड में है ताकि अगर कोई स्टूडेंट यह कोर्स करना चाहता है तो अपनी रेगुलर पढ़ाई या दूसरे कोर्स के साथ ही यह कोर्स कर ले. आईआईटी जोधपुर स्टूडेंट को कैंपस एक्सप्लोर करने का मौका भी देगा. इस कोर्स में एडमिशन लेने वाले छात्रों को हर साल आईआईटी जोधपुर कैंपस का दौरा करने का मौका भी मिलेगा.
चार वर्षीय कोर्स
आईआईटी जोधपुर का एआई और डाटा साइंस का यह डिग्री कोर्स पूरे चार साल का होगा. छात्र कोर्स के पहले साल में सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल में बीएससी डिग्री और चौथे साल के अंत में बीएस डिग्री प्राप्त कर सकते हैं. इस डिग्री कोर्स के दौरान स्टूडेंट को सेल्फ पेस्ड वीडियो लेक्चरर, प्रश्नोत्तरी और असाइनमेंट मिलेंगे. इसके अलावा उन्हें फैकल्टी और इंडस्ट्री के लीडरों द्वारा सप्ताहांत में लाइव व्याख्यान में शामिल होने का मौका मिलेगा.
एआई के कारण 80% नौकरियों में बदलाव
आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल ने कहा, “हमारे वर्तमान युग में मानवाधिकारों, सतत विकास और वैश्विक कल्याण की समस्याओं के लिए रचनात्मक समाधान की आवश्यकता है. इसका मतलब है कि अलग तरीके से सोचना और स्कूली शिक्षा के पारंपरिक मॉडल से दूर जाना, जो रटने की शिक्षा को पुरस्कृत करता है और बच्चों की जन्मजात रचनात्मकता को मारता है. इसलिए, हमारा लक्ष्य एप्लाइड एआई और डेटा साइंस प्रोग्राम में बीएससी/बीएस में नामांकित शिक्षार्थियों को आवश्यक आधुनिक कौशल और दक्षताओं से लैस करना है ताकि वे तेजी से बदलते वैश्विक ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र में भाग ले सकें.” वहीं राघव गुप्ता, फ्युचरेंस के संस्थापक और सीईओ ने कहा कि एआई-संचालित परिवर्तन की गति उद्योगों को नया आकार दे रही है. अनुमान है कि एआई के कारण 80% नौकरियों में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे.
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