भारतीय क्रिकेट टीम ने तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया. कप्तान रोहित शर्मा की शानदार 76 रनों की पारी और श्रेयस अय्यर, केएल राहुल तथा हार्दिक पांड्या के महत्वपूर्ण योगदान से भारत ने न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराया और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पर अपना कब्जा जमाया. इस ऐतिहासिक जीत के बाद देशभर में जश्न का माहौल है. सभी जगह क्रिकेट प्रेमियों ने भारतीय टीम के प्रति प्यार का इजहार किया.
टॉस हारकर पहले गेंदबाजी कर रही भारतीय टीम ने स्पिनरों की मदद से न्यूजीलैंड को 251 रन पर रोक दिया था. इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम समय समय पर विकेट गंवाते रही, लेकिन अंत मे केएल राहुल ने एक छोर पर टिके रहकर भारत को तीसरी चैंपियंस ट्रॉफी जिता ही दी.
कुलदीप के सम्मोहिनी जादू से हुई मैच की शुरुआत
रोहित शर्मा के लगातार 12वें एकदिवसीय मैच में टॉस हारने से भारत को पहले गेंदबाजी के लिए मैदान पर उतरना पड़ा. मोहम्मद शमी ने ऑफ साइड में पहली गेंद शानदार फेंकी, इसके बाद रचिन रविन्द्र ने हार्दिक और शमी की गेंदों पर शानदार शॉट दिखाते भारतीय टीम पर दबाव बना दिया. भारतीय टीम की मैच में वापसी कराते विल यंग को 15 रन पर वरुण चक्रवर्ती ने पैवेलियन वापस भेजा तो कुलदीप यादव ने अपने स्पैल की पहली ही गेंद पर गुगली फेंक कर रचिन रविन्द्र को 37 रन पर बोल्ड कर दिया, तब न्यूजीलैंड का स्कोर 11.1 ओवर में दो विकेट पर 61 रन था.

केन विलियमसन के पसंदीदा इलाके में सिंगल रोकने के लिए खुद को लगाकर रोहित शर्मा ने दबाव वाले इस मैच में अच्छी कप्तानी दिखाई. कमेंट्री कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने कुलदीप की गेंद को ‘सम्मोहिनी जादू’ शब्द से नवाजा. इसी सम्मोहिनी जादू से कुलदीप ने अगले ओवर में न्यूजीलैंड बल्लेबाजी की रीढ़ केन विलियमसन को अपनी ही गेंद पर लपककर 11 रन के स्कोर पर पैवेलियन का रास्ता दिखाया, जैसे ही कुलदीप ने विलियमसन का विकेट लिया विराट ने उन्हें गले लगा लिया.
भारतीय टीम के शिकंजे में फंसी न्यूजीलैंड
15 वें ओवर में 83 रन पर तीन विकेट गंवा चुकी न्यूज़ीलैंड को अच्छे स्कोर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अब मिचेल और टॉम लेथम पर आ गई. जब लग रहा था कि टॉम लेथम और मिचेल की ये साझेदारी मजबूत होने लगी है, तभी सर जडेजा ने लेथम को अपनी फिरकी में फंसाते 14 रन पर एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. भारतीय टीम ने मैच में अपना शिकंजा कस लिया था, जिसे सिद्धू ने शेर के जबड़े में हिरन फंस गया है कहा. न्यूजीलैंड का स्कोर तेजतर्रार फिलिप्स (17) के कुछ अच्छे शॉट्स और मिचेल (32) की संभली हुई पारी की वजह से 30 ओवर की समाप्ति पर 135 रन था. न्यूज़ीलैंड टीम पर यह दबाव और भी बढ़ सकता था पर न्यूजीलैंड के दोनों बल्लेबाजों के 35वें और 36वें ओवर में रोहित और गिल ने कैच छोड़ दिए, 36वें ओवर की समाप्ति पर न्यूज़ीलैंड का स्कोर 4 विकेट पर 156 रन था.

फील्डिंग की वजह से विपक्षी पर ज्यादा दबाव बनाने में नाकामयाब भारतीय टीम
न्यूज़ीलैंड को जब तेज़ रन की दरकार थी तभी न्यूजीलैंड की पारी का 38वां ओवर करने आए वरुण चक्रवर्ती ने फिलिप्स को 34 रन पर बोल्ड कर दिया. 40 ओवर की समाप्ति के बाद 5 विकेट पर 172 रन बनाकर न्यूजीलैंड बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए जूझ रही थी, वहीं लचर फील्डिंग की वजह से भारतीय टीम भी विपक्षी पर ज्यादा दबाव बनाने का मौका गंवाते हुए दिखी. न्यूज़ीलैंड की पारी को अकेले संभालते हुए मिचेल ने 42वें ओवर में 91 गेंदों पर अपना अर्द्धशतक पूरा किया, कुलदीप के अगले ओवर में ब्रेसवेल ने 65 गेंदों बाद न्यूजीलैंड पारी की तरफ से बाउंड्री लगाई.

शमी के 46वें ओवर में धीमा खेल रहे मिचेल ने गियर बदलते दो चौक्के लगाए पर तीसरे के प्रयास में वह एक्स्ट्रा कवर पर खड़े रोहित को कैच थमा बैठे. अगले ओवर में गेंदबाजी करने आए कुलदीप ने कसी हुई गेंदबाजी से न्यूजीलैंड को तेज गति से रन बनाने से रोके रखा, इस ओवर की समाप्ति पर उनका स्कोर 6 विकेट पर 216 रन था. ब्रेसवेल अपने कप्तान सेन्टनर के साथ आखिरी ओवरों में तेज रन बटोरने का पूरा प्रयास कर रहे थे. इसी प्रयास में 49वें ओवर की आखिरी गेंद पर सेंटनर 10 रन के स्कोर पर विराट के थ्रो से रन आउट हो गए. पचास ओवरों की समाप्ति पर ब्रेसवेल के अर्द्धशतकीय प्रयास से न्यूजीलैंड ने भारत को टक्कर देने लायक स्कोर 251 बनाया.
शुरुआत में रोहित ने मारा कम घसीटा ज्यादा
रोहित शर्मा ने शुभमन गिल के साथ चिरपरिचित अंदाज में भारत को सधी हुई शुरुआत दी. रोहित के दो छक्कों के बाद न्यूज़ीलैंड भी भारतीय टीम की फील्डिंग का अनुसरण करती नज़र आई, सातवें ओवर में जेमिसन की गेंद पर मिचेल ने 6 रन बनाकर खेल रहे गिल का मुश्किल कैच छोड़ दिया. भारतीय पारी का आठवां ओवर स्मिथ ने किया, जिसमें रोहित ने दो चौक्कों और एक छक्के की मदद से 14 रन बटोरे, इस पर सिद्धू ने रोहित के बारे में कहा कि वह मार कम रहे हैं घसीट ज्यादा रहे हैं. 8 ओवर बाद भारत का स्कोर बिना किसी विकेट के नुकसान पर 59 रन हो गया. इस ओवर के बाद न्यूजीलैंड के कप्तान सेंटनर ने दोनों छोरों से स्पिन बॉलिंग लगा ली. 11वें ओवर में भारतीय कप्तान ने न्यूज़ीलैंड के कप्तान की गेंद पर 1 रन लेकर अपना अर्द्धशतक पूरा किया.

फिलिप्स का अविश्वसनीय कैच और मैच बराबरी पर
गिल ने भी रोहित की आतिशी बल्लेबाजी देखकर अपना गियर बदलते रचिन रविन्द्र द्वारा फेंके जा रहे 14वें ओवर की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर अपना स्कोर 22 तो भारत का बिना किसी विकेट के नुकसान पर 86 रन पहुंचा दिया. स्पिनरों के लिए मददगार पिच पर भारतीय ओपनर्स संभलकर खेल रहे थे तभी सेंटनर के 19वें ओवर में 31 रन बनाकर खेल रहे गिल को फिलिप्स ने हवा में गोता लगाते कैच आउट कर दिया, जिससे पूरे मैदान में ख़ामोशी छा गई. ब्रेसवेल के अगले ओवर की पहली ही गेंद पर 1 रन बनाकर खेल रहे कोहली भी एलबीडब्ल्यू आउट होकर न्यूज़ीलैंड को वापसी का मौका दे गए. जब श्रेयस अय्यर कप्तान का साथ निभाने मैदान पर पहुंचे तब भारत का स्कोर 106 रन पर दो विकेट था. सिद्धू ने इस पर कहा कि भारत ने न्यूजीलैंड के विकेट कमाए थे पर अपने गंवाएं हैं. एक बार भारत की तरफ झुका, एकतरफा दिख रहा यह मैच फिलिप्स के अविश्वसनीय कैच की वजह से अब टक्कर का हो गया था.

मैच में पहली बार दबाव में दिखी भारतीय क्रिकेट टीम
भारतीय टीम का स्कोर 122 रन पर दो विकेट था जब ब्रेसवेल ने श्रेयस को 26वां ओवर मेडन डाल दिया, इसके दबाव में रचिन रविन्द्र के अगले ओवर की पहली गेंद पर रोहित ने आगे बढ़कर छक्का मारने का प्रयास किया और 76 रन पर वह स्टम्प आउट हो गए. श्रेयस और अक्षर पर अब भारत को जीत तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी. मैदान पर न्यूज़ीलैंड के खिलाड़ियों की फील्डिंग दोनों टीमों के बीच बड़ा अंतर नज़र आने लगी, कई निश्चित बाउंड्री को न्यूजीलैंड के फील्डर रोक रहे थे. भारतीय पारी के 37वें ओवर में सिद्धू भारतीय टीम के प्रदर्शन को ‘रफ्तार के घोड़े पर सवार अग्रसर जीत की ओर’ कह ही रहे थे जब फिलिप्स के उस ओवर में छक्का लगाने के बाद श्रेयस ने एक और हवाई शॉट खेला और जेमिसन ने उनका कैच छोड़ दिया. इस ओवर की समाप्ति पर भारत का स्कोर तीन विकेट के नुकसान पर 176 रन था. अब भारत फिर से आसानी से जीत की तरफ जाता लग रहा था, तब ही 39वें ओवर में 48 रन पर खेल रहे श्रेयस अय्यर न्यूज़ीलैंड के कप्तान सेंटनर की गेंद पर रचिन रविन्द्र को कैच थमा बैठे, इस ओवर की समाप्ति पर भारत का स्कोर चार विकेट पर 190 रन था. जल्द ही अच्छा खेल रहे अक्षर भी गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर 29 रन पर ब्रेसवेल का शिकार बने.

ट्रॉफी तक पहुंचा गए जडेजा, केएल
203 रन पर पांच विकेट गंवा चुकी भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए अब केएल राहुल और हार्दिक पांड्या का सहारा था. दोनों खिलाड़ियों ने संभलकर खेला और भारत के स्कोर को 45 ओवर की समाप्ति पर 220 रन पहुंचा दिया. 30 बॉल में 32 रन चाहिए थे जब हार्दिक ने रचिन रविन्द्र के गेंद पर छक्का लगा दिया, इसके बाद फिर मैच में पासा पलटा और 48वें ओवर में 18 रन पर खेल रहे हार्दिक जेमिसन को उन्हीं की गेंद पर कैच थमा गए. हार्दिक के बाद मैदान पर आए जडेजा (9) ने पिछले बल्लेबाजों की तरह कोई गलती नही की और वह केएल राहुल (34) के साथ नाबाद रहते हुए एक ओवर शेष रहते चौक्का लगाकर भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जिताकर वापस आए. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवॉर्ड न्यूज़ीलैंड के रचिन रविन्द्र को दिया गया.
(हिमांशु जोशी उत्तराखंड से हैं और प्रतिष्ठित उमेश डोभाल स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार प्राप्त हैं. वह कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं और वेब पोर्टलों के लिए लिखते रहे हैं.)
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.
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