Indias Chip plan setback: भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना को ताइवान की कंपनी के ऐन वक्त पर पीछे हट जाने से झटका लगा है। ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ 19.5 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की डील से हाथ खींच लिया है।दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन और वेदांता ने पिछले साल पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, भारत सरकार ने कहा कि फॉक्सकॉन के डील से पीछे हटने से देश के चिप निर्माण प्लान पर कोई असर नहीं होगा।
बिना कारण बताए फॉक्सकॉन ने कहा-वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर को आगे नहीं बढ़ा सकते
फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ गुजरात में लगाए जाने वाले सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से पीछे हटने की वजहों को विस्तार से नहीं बताया है। ताइवान की कंपनी ने कहा कि फॉक्सकॉन ने तय किया है कि वह वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर पर आगे नहीं बढ़ेगा। वह अपने नाम को ज्वाइंट वेंचर से हटाने की प्रॉसेस में है। पिछले साल दोनों कंपनियों ने 19.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए में ये डील साइन की थी। इस डील के तहत वेदांता और फॉक्सकॉन मिलकर भारत के गुजरात में सेमीकंड्क्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट लगाने वाले थे।
Foxconn के पीछे हटने से क्या होगा नुकसान?
पीएम मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग में नए युग के निर्माण की भारत की आर्थिक रणनीति के तहत चिप मैन्यूफैक्चरिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अब फॉक्सकॉन का यह कदम विदेशी निवेशकों को भारत में चिप बनाने के लिए लुभाने की उनकी महत्वाकांक्षाओं के लिए एक झटका है।
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