International Women’s Day 2025 Date : महिला दिवस हर औरत के अधिकार और बराबरी की बात करने के लिए एक मंच तैयार करता है. कहते हैं कि रूसी महिलाओं ने इसे सबसे पहले मनाया था.
International Women’s Day 2025: नए दौर में महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के साथ उन्हें खास और स्पेशल महसूस कराने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day History) मनाया जाता है. हर महिला के लिए ये दिन खास है, क्योंकि इस दिन उनके समान अधिकार और सशक्तिकरण के प्रयास में दुनिया भर में तरह-तरह के प्रोग्राम किए जाते हैं. हमारे देश में तो हमेशा ही मातृशक्ति को पूजा जाता है. ऐसे में भारत के साथ-साथ दुनिया के हर कोने में महिलाओं और उनके अधिकारों से जुड़े मुद्दों (International Women’s Day Importance) पर बात की जाती है, लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे पहले महिला दिवस किसने मनाया और कहां पर मनाया गया. चलिए महिला दिवस के दिलचस्प इतिहास पर बात करते हैं. साथ ही जानेंगे कि इस साल यानी 2025 में वीमेंस डे की थीम (International Women’s Day Theme) क्या है.
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कहां और कब मनाया गया था पहला महिला दिवस (When First International Women’s Day Celebrated)
कहा जाता है कि सबसे पहले महिला दिवस 1909 में मनाया गया था.28 फरवरी को अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने औरतों को सम्मान देने के लिए को महिला दिवस मनाया था.उस वक्त अमेरिका और यूरोप में श्रमिक आंदोलन चल रहे थे.ऐसे में श्रमिक महिलाओं ने मांग रखी कि उनके काम के घंटों की सीमा तय होनी चाहिए.कई जगह ये भी कहा जाता है कि 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने इसे मनाया.रूसी महिलाओं ने रोटी और शांति की मांग करते हुए विश्व युद्ध की खिलाफत की थी.कहा जाता है कि महिलाओं के इसी आंदोलन के बाद रूसी क्रांति को चिंगारी मिली और जार को रूस का शासन छोड़ना पड़ा.आधिकारिक तौर पर दुनिया ने सबसे पहली बार वीमेंस डे 1975 में मनाया था.यूनाइटेड नेशन यानी संयुक्त राष्ट्र ने 8 मार्च के दिन को दुनिया भर की महिलाओं को समर्पित किया था.इसके दो साल बाद यानी 1977 में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने आठ मार्च को आधिकारिक तौर पर वीमेंस डे घोषित किया.जनरल असेंबली के सभी सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाई थी.
महिला दिवस का है खास महत्व (Importance of International Women’s Day)
देश दुनिया में महिला दिवस महिलाओं की बेहतरी और उन्नति के लिए प्रोत्साहन देने की वकालत करता है.महिला दिवस पर दुनिया भर में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं.इन कार्यक्रमों में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों पर बात होती है.इसके साथ-साथ लैंगिक समानता की दिशा में काम करने को प्रोत्साहन दिया जाता है.हर क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना महिला दिवस का मुख्य मकसद है.इस दौरान महिलाओं को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में बराबरी की भागीदारी देने के प्रयासों पर बात होती है. महिलाओं की शिक्षा, परिवार और स्वास्थ्य के मामले में खास ध्यान देने पर जोर दिया जाता है.महिलाओं को कामकाज के दौरान उत्पीड़न, घरेलू हिंसा से बचाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जाते हैं.इस दिन दुनिया भर में अच्छा काम करने वाली महिलाओं को खासतौर पर पुरस्कार दिए जाते हैं.इस दौरान जगह-जगह पर रैलियां, नुक्कड़ नाटक, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं.
क्या है महिला दिवस 2025 की थीम (Theme of Women’s Day 2025)
हर साल महिला दिवस पर एक खास थीम रखी जाती है, जिसके आधार पर महिला सशक्तिकरण होता है.इस बार महिला दिवस की थीम है कार्रवाई में तेजी लाना यानी Accelerate Action.इसका मतलब है कि केवल बातों से ही नहीं बल्कि ठोस कदम उठाकर भी महिलाओं का सशक्तिकरण किया जाएगा.इस थीम के अनुसार महिलाओं की बेहतरी के लिए तय किए गए कामकाज में तेजी लाना लक्ष्य रखा जाएगा.यह थीम हर महिला, लड़की और बच्ची के लिए समान तौर पर लागू होगी.इस थीम के तहत ये तय किया जाएगा कि महिलाओं की बेहतरी के लिए होने वाले काम और प्रोसेस सही गति से चल रहे हैं या नहीं.
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