Karnataka Assembly election:कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। कैंडिडेट्स लिस्ट जारी होते ही बीजेपी की मुश्किलें भी बढ़ गई है। काफी संख्या में बीजेपी के विधायक व कई कद्दावर नेताओं ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। शीर्ष नेतृत्व के मनाने के बावजूद कई दिग्गज विधायकों ने पार्टी के खिलाफ ताल ठोककर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान तक कर दिया है।
मुदिगेरे विधायक ने दिया इस्तीफा
मुदिगेरे से भाजपा विधायक एम पी कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस बार टिकट नहीं दिया गया है। टिकट कटने के बाद कुमारस्वामी ने बीजेपी से इस्तीफा का ऐलान कर दिया। उन्होंने कर्नाटक के कद्दावर नेता व राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि पर टिकट कटवाने का आरोप लगाया। तीन बार से विधायक कुमारस्वामी ने कहा कि बीजेपी विधायक पद से भी इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपेंगे। दरअसल, बीजेपी ने कैंडिडेट्स की दूसरी और अंतिम लिस्ट बुधवार को जारी की।
23 कैंडिडेट्स में कुमारस्वामी के विधानसभा क्षेत्र मुदिगेरे के कैंडिडेट का भी नाम था। बीजेपी ने यहां तीन बार से विधायक कुमारस्वामी की जगह दीपक डोड्डैया को प्रत्याशी बनाया है। विधायक ने कहा कि निजी रंजिश की वजह से सीटी रवि ने टिकट कटवाया है। माना जा रहा है कि कुमारस्वामी जेडीएस या निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह क्षेत्र में अपने कार्यकर्ताओं और जनता से बात करने के बाद आगे निर्णय लेंगे।
येदियुरप्पा एक सप्ताह फोन बंद कर दें तो बीजेपी 50 सीटें भी नहीं जीत पाएंगी
टिकट कटने से नाराज दलित नेता कुमारस्वामी ने कहा कि सीटी रवि ने निजी रंजिश के लिए मेरा टिकट कटवाया। बीजेपी केवल येदियुरप्पा के बल पर सीटें हासिल कर रही है। अगर येदियुरप्पा कुछ दिनों के लिए अपना फोन बंद कर दें तो बीजेपी 50 सीटें भी नहीं जीत पाएगी। येदियुरप्पा के बिना लोग बीजेपी की सभाओं में भी नहीं आएंगे।
कर्नाटक के मंत्री अंगारा ने भी दिखाया बगावती तेवर
राज्य के मंत्री और छह बार भारतीय जनता पार्टी के विधायक अंगारा एस भी पार्टी के खिलाफ बगावत कर दिए हैं। अंगारा एस ने कहा कि वह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रचार नहीं करेंगे। बीजेपी ने अंगारा एस का भी टिकट काट दिया है। बीजेपी ने 11 अप्रैल को पहली सूची में 189 और दूसरी सूची में 12 अप्रैल को 23 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी। अंगारा का नाम दोनों सूचियों से गायब था। वह कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया से विधायक हैं। इस बार उसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट से इनकार कर दिया गया था जो अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। भागीरथी मुरुल्या को सीट से टिकट दिया गया।
पूर्व डिप्टी सीएम ने भी दिया इस्तीफा
कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी को भी विधानसभा का टिकट बीजेपी ने नहीं दिया है। अथानी विधानसभा क्षेत्र से वह टिकट मांग रहे थे। लेकिन बीजेपी की दोनों लिस्ट में नाम नहीं होने से नाराज होकर उन्होंने विधानपरिषद सदस्य और बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
विधायक नेहरु ओलेकर ने भी दिया इस्तीफा
आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद विधायक नेहरू ओलेकर ने भी बीजेपी छोड़ दी है। अनुसूचित जाति समुदाय के दो बार के विधायक 65 वर्षीय ओलेकर अपने समर्थकों के साथ चुनाव के लिए पार्टी द्वारा उनकी अनदेखी करने के विरोध में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किया। ओलेकर की जगह हावेरी (एससी) निर्वाचन क्षेत्र में गविसिद्दप्पा दयमन्नावर को चुनाव मैदान में उतारा गया है।
टिकट कटने के बाद ईश्वरप्पा ने लिया सन्यास
बीजेपी से टिकट नहीं मिलने का संकेत मिलते ही पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने राजनीति से सन्यास की घोषणा कर दी है। ईश्वरप्पा के समर्थन में शिवमोगा नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर ने भी इस्तीफा दे दिया है। उनके संन्यास के बाद शिवमोगा में नगर निगम के 19 सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शिवमोगा के बीजेपी जिला अध्यक्ष ने भी ईश्वरप्पा के समर्थन में इस्तीफा दिया है।
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