केएसके महानदी की स्थापित क्षमता 1,800 मेगावाट है. इस परियोजना पर 29,330 करोड़ रुपये का ऋण बकाया था. कंपनी को 2019 में आईबीसी प्रक्रिया में लाया गया था.
छत्तीसगढ़ में केएसके महानदी पावर प्लांट (KSK Mahanadi Power) के अधिग्रहण के लिए अदाणी पावर (Adani Power) ने 12,500 करोड़ रुपये की बोली का प्रस्ताव दिया है, ये सबसे ऊंची बोली है. इसके बाद अन्य बोलीदाताओं ने भी ऊंची कीमत की पेशकश की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्लांट को लेकर लगाई जाने वाली अंतिम बोली और भी ज्यादा हो सकती है. ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) द्वारा चैलेंज मैकेनिज्म के कार्यान्वयन के बाद संकटग्रस्त बिजली संयंत्र के ऋणदाताओं को अब एनपीए से पूरी तरह से उबरने की उम्मीद है, जो इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) की प्रक्रिया में कम ही देखने को मिलता है.
अदाणी पावर ने लगाई 12,500 करोड़ की बोली
आईबीसी फ्रेमवर्क से जुड़े सूत्रों ने केएसके महानदी में रुचि को फिर से जगाने का श्रेय अदाणी पावर की शुरुआती 12,500 करोड़ रुपये उच्च बोली को दिया है. जो दूसरे नंबर के बोलीदाता की तुलना में 62 प्रतिशत या 4,800 करोड़ रुपये अधिक थी. सूत्रों के मुताबिक, एनटीपीसी समेत 10 मूल बोलीदाताओं में से छह ने अब अपने प्रस्ताव में संशोधन कर अपनी बोली भी अदाणी ग्रुप के आसपास कर ली है, जो मजबूत प्रतिस्पर्धा को दिखाता है और परिसंपत्ति के मूल्य को बढ़ाता है. उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह दिखाता है कि आईबीसी में ज्यादा से ज्यादा कीमत मिलने की संभावना होती है.
अदाणी ग्रुप की प्रतिस्पर्धी बोली के अलावा केएसके महानदी के पास 10,000 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व है. साथ ही 4,000 करोड़ रुपये उसे उत्पाद की बिक्री के बदले मिलने वाले हैं. इस तरह ऋणदाताओं को कुल मिलाकर 27,000 करोड़ की वसूली होगी जो कुल ऋण का 92 प्रतिशत है.
परियोजना पर 29,330 करोड़ रुपये का ऋण बकाया
केएसके महानदी की स्थापित क्षमता 1,800 मेगावाट है. इस परियोजना पर 29,330 करोड़ रुपये का ऋण बकाया था. कंपनी को 2019 में आईबीसी प्रक्रिया में लाया गया था.
अदाणी पावर की 12,500 करोड़ रुपये की बोली प्रतिस्पर्धी संस्थाओं के बीच सबसे ऊंची पेशकश थी, जिसमें जेएसडब्ल्यू एनर्जी, जिंदल पावर वेदांता, एनटीपीसी और कोल इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल थीं. अन्य बोलियां पहले 6,500 करोड़ रुपये से 7,700 करोड़ रुपये के बीच थीं, जो अदाणी ग्रुप की पेशकश से काफी कम थी.
दूसरे बिडर्स भी लगा रहे ऊंची बोली
हाल ही में लैंको अमरकंटक (1,920 मेगावाट) और कोस्टल एनर्जेन (1,200 मेगावाट) के इसी तरह की आईबीसी प्रक्रियाओं के माध्यम से अधिग्रहण के बाद भी और अदाणी ग्रुप की प्रभावशाली बोली के बावजूद सीओसी ने प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए चैलेंज मैकेनिज्म का रास्ता चुना. इसके परिणामस्वरूप दूसरे बिडर्स की ओर से भी अधिक ऊंची बोलियां प्राप्त हुईं.
केएसके महानदी के लिए अदाणी पावर की बोली आईबीसी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां कॉर्पोरेट का प्रभाव और अधिकतम मूल्य की वसूली की संभावनाएं एक साथ बनती हैं. कुछ लोग इसे शक्ति का केंद्रीकरण कहकर इसकी आलोचना कर सकते हैं, दूसरे लोगों की राय है कि यह भारतीय इनसॉल्वेंसी परिदृश्य में एक जरूरी विकास है.
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