इमरजेंसी में मैं मोदी और नड्डा का नाम नहीं सुना…बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने इमरजेंसी को किया याद

Lalu Prasad Yadav recalled Emergency days: बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने इमरजेंसी को याद करते हुए कहा कि तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने तमाम विरोधी नेताओं को जेल में डलवाया तो था लेकिन उन्होंने कभी उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया। 1975 देश के लोकतंत्र पर एक दाग है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष का सम्मान कौन नहीं करता।

द संघ साइलेंस इन 1975

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव शनिवार को स्वयं और जर्नलिस्ट नलिन शर्मा द्वारा लिखे गए एक आर्टिकल “द संघ साइलेंस इन 1975” को साझा करते हुए इमरजेंसी और वर्तमान परिवेश की तुलना की है। एक्स पर लिखे एक पोस्ट में लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी पर हमला बोला है।

मैं उस संचालन समिति का संयोजक था जिसे जयप्रकाश नारायण ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की ज्यादतियों के खिलाफ आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए गठित किया था। मैं 15 महीने से अधिक समय तक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (मीसा) के तहत जेल में था। मेरे सहकर्मी और मैं आज आपातकाल के बारे में बोलने वाले भाजपा के कई मंत्रियों को नहीं जानते थे। हमने मोदी, जे पी नड्डा और प्रधानमंत्री के कुछ अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बारे में नहीं सुना था जो आज हमें स्वतंत्रता के मूल्य पर व्याख्यान देते हैं।

लालू प्रसाद यादव ने लिखा

इंदिरा गांधी ने हममें से कई लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया लेकिन उन्होंने कभी हमारे साथ दुर्व्यवहार नहीं किया। न तो उन्होंने और न ही उनके मंत्रियों ने हमें राष्ट्र-विरोधी या देशद्रोही कहा। उन्होंने कभी भी हमारे संविधान के निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर की स्मृति को अपवित्र करने की अनुमति नहीं दी। 1975 हमारे संविधान पर एक दाग है। पूर्व सीएम लालू यादव ने कहा कि हमारे लोकतंत्र में सबसे बड़ी चुनौती विपक्ष की है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष का कौन सम्मान नहीं करता।

लालू प्रसाद यादव ने लिखा

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 21 महीने का आपातकाल लगाया था। इस साल आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ है, जिसे भारत के राजनीतिक इतिहास में सबसे विवादास्पद अवधियों में से एक माना जाता है।