November 23, 2024
Maharashtra Election Result 2024: लाडली बहिन योजना, कैसे Bjp के लिए यह एक स्कीम गेमचेंजर बन गई

Maharashtra Election Result 2024: लाडली बहिन योजना, कैसे BJP के लिए यह एक स्कीम गेमचेंजर बन गई​

महाराष्ट्र की 'मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना' को एकनाथ शिंदे की सरकार ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शुरू किया था. इसमें महिलाओं के खाते में नगद रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं. अब तक इस योजना की तीन किस्ते जारी की जा चुकी हैं.

महाराष्ट्र की ‘मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना’ को एकनाथ शिंदे की सरकार ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शुरू किया था. इसमें महिलाओं के खाते में नगद रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं. अब तक इस योजना की तीन किस्ते जारी की जा चुकी हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतगणना में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति प्रचंड जीत की ओर बढ़ती हुई दिख रही है.महायुति 214 सीटों पर बढत बनाए हुए है. महाराष्ट्र में ये रूझान तब आ रहे हैं, जब अभी छह महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में महायुति को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के बाद राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने बजट में कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की थी. इसमें प्रमुख योजना थी, ‘मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना’.यह योजना महिलाओं के खाते में सीधे रुपये भेजने की थी. जिस तरह के रूझान मिल रहे हैं उससे लगता है कि राज्य की महिलाओं पर इस योजना का अच्छा-खासा असर हुआ है. महिलाओं ने बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट किया है.

महिलाओं को कितने रुपये मिलते हैं

महाराष्ट्र की ‘मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना’में लाभार्थियों को 1500 रुपये दिए जाने हैं.महाराष्ट्र में अब तक दो करोड़ लाभार्थियों को इसकी तीन किस्तों का भुगतान किया गया है.महायुति ने ऐलान किया है कि अगर वो सत्ता में लौटी तो 1500 रुपये की रकम बढ़ा कर 2100 रुपये कर दी जाएगी.

दूसरे राज्यों में महिलाओं के खाते में सीधे पैसे भेजे जाने को मिली राजनीतिक सफलता इस योजना के पीछे थी. बीजेपी खासकर मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘लाडली बहना स्कीम’से प्रभावित थी.महायुति में शामिल शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने तो फिर सरकार में आने पर ‘मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना’में तीन हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा कर रखा है. इस तरह की योजनाओं की सफलता को देख विपक्ष भी वादे करने में पीछे नहीं रहा.कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की ‘महालक्ष्मी स्कीम’ की तर्ज पर महाराष्ट्र की महिलाओं को हर महीने 3000 रुपये देने और राज्य परिवहन निगम की बसों में बिना टिकट यात्रा का वादा किया है. लेकिन लगता है कि महाराष्ट्र की महिलाओं ने विपक्ष के वादों पर ऐतबार नहीं किया.

‘मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना’ पर राजनीति

यह योजना शुरू होते ही राजनीति में आ गई.इसे बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिए चुनौती दी गई.लेकिन हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और अमित बोरकर की पीठ ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया. जिसमें सरकार की तरफ से घोषित की गई कुछ योजनाओं पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इनमें लाडली बहन योजना भी थी. अदालत ने कहा कि सरकार का हर फैसला राजनीतिक होता है.अदालत ने कहा कि इस योजना के लिए जो धनराशि जारी कि गई है वह एक प्रक्रिया के तहत दी गई है. इसलिए इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है.

महाराष्ट्र की ‘मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना’ एक ऐसी योजना थी, जिसे कॉपी करने का आरोप विपक्ष पर लगा.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि विपक्ष ने शुरू में इस योजना का विरोध किया और इसके खिलाफ अदालत की शरण ली. लेकिन जब उसे लगा कि योजना सुपरहिट हो गई है तो उसने हमारे एजेंडे से यह योजना चुरा ली.उनका कहना था कि गरीब परिवार की महिलाओं को इस योजना से मदद मिल रही है.कई महिलाओं ने इस वित्तीय मदद से छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू किए हैं.

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महिला मतदाता

महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया. इस बार तीन करोड़ छह लाख 49 हजार 318 महिलाओं ने मतदान में हिस्सा लिया. वहीं तीन करोड़ 34 लाख 37 हजार 57 पुरुष मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया. महिलाएं पुरुषों की तुलना में थोड़ा पीछे जरूर रहीं. लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं थी.महाराष्ट्र में 12 विधानसभा सीटें ऐसी रहीं, जहां महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया.

महाराष्ट्र में कुल पांच करोड़ 22 हजार 739 पुरुष मतदाता थे. इनमें से तीन करोड़ 34 लाख 37 हजार 057 पुरुषों ने मतदान किया. लेकिन एक करोड़ 65 लाख 85 हजार 682 पुरुषों ने मतदान नहीं किया.यानी कि 33.15 फीसदी पुरुष मतदाता वोट डालने नहीं गए. राज्य में चार करोड़ 69 लाख 96 हजार 279 महिलाएं मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड हैं. इनमें से तीन करोड़ छह लाख 49 हजार 318 महिलाओं ने मतदान किया. वोट न डालने वाली महिलाओं की संख्या एक करोड़ 63 लाख 46 हजार 961 रही. यह 34.78 फीसदी मतदाताओं के बराबर है.

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