Manipur Violence updates: मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) की आग थम नहीं रही है। राज्य के सीमाई शहर मोरेह में मणिपुर पुलिस कमांडो पर हमला हुआ है। राजधानी इंफाल से करीब 110 किलोमीटर दूर मोरेह में हमलावरों ने बम और आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) से मणिपुर पुलिस कमांडो पर हमला किया। इसके चलते दो कमांडो की मौत हो गई। एक घायल कमांडो की मौत बाद में इलाज के दौरान हुई। मंगलवार रात से शुरू हुई फायरिंग बुधवार सुबह तक जारी रही।
रिपोर्ट्स के अनुसार हमलावरों ने मणिपुर पुलिस कमांडो के एक पोस्ट पर बम फेंके और गोलीबारी की। मोरेह भारत-म्यामार सीमा पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर है। पुलिस ने बताया है कि हमलावरों ने अस्थायी कमांडो पोस्ट पर RPG शेल्स भी फायर किए, जिससे कई गाड़ियों को नुकसान हुआ। मारे गए कमांडो की पहचान वांगखेम सोमोरजीत और तखेल्लमबम सैलेशवोर के रूप में हुई है। वे मोरेह में राज्य पुलिस कमांडो से जुड़े आईआरबी कर्मी थे।
दो आदिवासियों की गिरफ्तारी के बाद हो रहा विरोध प्रदर्शन
मणिपुर पुलिस ने एक पुलिस अधिकारी की हत्या में शामिल होने के आरोप में दो आदिवासियों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद बुधवार को कुकी समूहों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए हैं। एक वीडियो में हथियारबंद हमलावरों को पुलिस के एक ट्रक को पीछे धकेलते हुए दिखाया गया है। यह ट्रक मोरेह में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।
पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में SDPO सीएच आनंद की हत्या के दो मुख्य संदिग्धों फिलिप खोंगसाई और हेमोखोलाल मटे को गिरफ्तार किया था। दोनों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों पर गोलीबारी की थी जिसके बाद पुलिस ने उनका पीछा किया और उन्हें पकड़ लिया।
पुलिस हटाने की मांग की कुकी जनजातियों ने
कुकी जनजातियों ने केंद्र से मोरेह से राज्य पुलिस को हटाने और केवल केंद्रीय बलों को रखने की मांग की है। उन्होंने पुलिस पर कुकी नागरिकों पर हमला करने का आरोप लगाया है। मणिपुर पुलिस ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि राज्य पुलिस कमांडो पर हमला करने वाले पहाड़ी आधारित विद्रोही थे।
मणिपुर में 3 मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है। आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद 3 मई को आदिवासी एकता रैली निकाली गई थी। इस दिन से राज्य में हिंसा हो रही है। इसके चलते 180 से अधिक लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं।