November 24, 2024
Mdr Tb का अब 6 महीने में होगा इलाज, Bpalm दवा को सरकार ने दी मंजूरी

MDR-TB का अब 6 महीने में होगा इलाज, BPaLM दवा को सरकार ने दी मंजूरी​

इस दवा का लाभ अब भारत के 75,000 दवा प्रतिरोधी टीबी रोगी उठा सकेंगे. उनका न इलाज कम समय होगा बल्कि पैसे की भी बचत होगी.

इस दवा का लाभ अब भारत के 75,000 दवा प्रतिरोधी टीबी रोगी उठा सकेंगे. उनका न इलाज कम समय होगा बल्कि पैसे की भी बचत होगी.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरक्लोसिस (MDR-TB) के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और कम समय इलाज करने वाली BPaLM दवा को शुरू करने को मंजूरी दी है. इस दवा में एक नई एंटी-टीबी दवा शामिल है जिसका नाम “प्रीटोमैनिड” (Pretomanid) है, जिसे बेडाक्विलाइन (Bedaquiline) और लाइनज़ोलिड (Linezolid) (मोक्सीफ्लोक्सासिन के साथ/बिना) के साथ मिलाया गया है.

प्रीटोमैनिड को पहले ही भारत में उपयोग के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा अप्रूव और लाइसेंस दिया जा चुका है.

MDR-TB का अब सस्ते में होगा इलाज
BPaLM में बेडाक्विलिन, प्रीटोमैनिड, लाइनज़ोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन नामक चार दवाओं का संयोजन शामिल है. ये दवा पिछली एमडीआर-टीबी इलाज प्रक्रिया की तुलना में सुरक्षित, अधिक प्रभावी और तेज असर करेगी. जबकि पहले एमडीआर-टीबी का इलाज 20 महीने तक चलता था और इसके गंभीर दुष्प्रभावों भी थे. लेकिन BPaLM दवा प्रतिरोधी टीबी को केवल छह महीने में ठीक कर सकती है और उपचार की सफलता दर भी अधिक है.

75,000 मरीजों को मिलेगा लाभ
इस दवा का लाभ अब भारत के 75,000 दवा प्रतिरोधी टीबी रोगी उठा सकेंगे. उनका न इलाज कम समय होगा बल्कि पैसे की भी बचत होगी.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (Department of Health & Family Welfare) ने स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (Department of Health Research) के परामर्श से टीबी के नए दवा की पुष्टि की, जिसके लिए देश के विषय विशेषज्ञों द्वारा साक्ष्यों की गहन समीक्षा की गई. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के माध्यम से एक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन भी करवाया है कि यह एमडीआर-टीबी के इलाज के लिए सुरक्षित और लागत प्रभावी है.

MDR-TB क्या है?
MDR-TB, यह टीबी का एक प्रकार है. इसमें बैक्टीरिया, आइसोनियाज़िड और रिफ़ैम्पिसिन जैसी दो सबसे शक्तिशाली एंटी-टीबी दवाओं के प्रति प्रतिरोधी होते हैं. एमडीआर-टीबी से पीड़ित मरीजों का इलाज करना आसान नहीं होता है क्योंकि उनके शरीर में इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधकता विकसित हो जाती है. इसके इलाज के विकल्प सीमित होते हैं और उनका खर्चा भी ज़्यादा होता है.

TB को समाप्त करने की दिशा में मिलेगी मजबूती
भारत सरकार के इस कदम से टीबी को समाप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में देश की प्रगति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय टीबी डिवीजन द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से BPaLM व्यवस्था की एक देशव्यापी समयबद्ध रोल आउट योजना तैयार की जा रही है, जिसमें नई व्यवस्था के सुरक्षित प्रशासन के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों की कठोर क्षमता निर्माण शामिल है.

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