September 19, 2024
Elections 2024

इस राज्य में अब नहीं होगा कोई विपक्ष, सभी दलों ने मिलकर सरकार चलाने का लिया फैसला

19 जुलाई को मुख्य विपक्षी दल नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) ने बिना किसी पूर्व शर्त के एक सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मुख्यमंत्री से इस पर विचार करने का अनुरोध किया गया था ताकि संयुक्त रूप से नागा मुद्दे के शीघ्र राजनीतिक समाधान पर जोर दिया जा सके।

कोहिमा। नागालैंड में राजनीति की नई मिसाल कायम की जा रही है। कभी विद्रोह और बगावत के लिए चर्चा में रहा यह राज्य अब राजनीतिक रिफार्म के लिए जाना जाएगा। यहां के राजनीतिक दलों ने एक साथ मिलकर सरकार चलाने का फैसला किया है। यानि विपक्ष विहीन राज्य।
नागालैंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है कि जहां विपक्ष नहीं होगा। सभी दल एक साथ मिलकर सरकार चलाएंगे। नागालैंड विधान सभा में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनीतिक दलों ने कोहिमा में शनिवार को एक सर्वदलीय सरकार के गठन को अंतिम रूप दिया और सत्ता पक्ष और सभी विपक्षी दलों ने हाथ मिला लिया। सदन शपथ ने लिया कि नई सरकार को संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (UDA) कहा जाएगा। इस गठबंधन में बीजेपी भी शामिल है।

इस तरह विपक्ष रहित सरकार बनाने पर हुई सर्वसम्मति

नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो (Neiphiu Rio) की अध्यक्षता में हुई बैठक में विपक्ष रहित सरकार अपनाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया। मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने इस फैसले के बाद ट्वीट किया और कहा कि नागालैंड में विपक्ष रहित सरकार के लिए संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (UDA) का नामकरण हुआ है। एनडीपीपी, भाजपा, एनपीएफ और निर्दलीय विधायकों के पार्टी नेताओं और विधायकों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।

विधानसभा अध्यक्ष से UDA के गठन के लिए लिखेंगे लेटर

नागालांड सरकार की प्रवक्ता नीबा क्रोनू ने पत्रकारों से कहा कि विधायक अगले कुछ दिनों में यूडीए (UDA) के गठन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे। पहले यह घोषणा की गई थी कि नई सरकार को नागालैंड संयुक्त सरकार कहा जाएगा, मगर क्रोनू ने कहा कि शनिवार की बैठक के दौरान यह तय किया गया था कि नई सरकार का नाम यूडीए ही अधिक उपयुक्त होगा।

बिना शर्त सभी दल आए साथ

19 जुलाई को मुख्य विपक्षी दल नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) ने बिना किसी पूर्व शर्त के एक सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मुख्यमंत्री से इस पर विचार करने का अनुरोध किया गया था ताकि संयुक्त रूप से नागा मुद्दे के शीघ्र राजनीतिक समाधान पर जोर दिया जा सके। शुरू में सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने इस कदम की सराहना की, मगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता इस पर ज्यादा खुश नजर नहीं आए। हालांकि, मुख्यमंत्री रियो ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को आश्वस्त कर दिया है। भाजपा सरकार में एनडीपीपी की एक प्रमुख सहयोगी है।

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