November 27, 2024
Narak Chaturdashi 2024: जानिए कब मनाई जाएगी नरक चतुर्दशी, यह है पूजा का शुभ मुहूर्त

Narak Chaturdashi 2024: जानिए कब मनाई जाएगी नरक चतुर्दशी, यह है पूजा का शुभ मुहूर्त​

Narak Chaturdashi Date: इस साल नरक चतुर्दशी की तिथि को लेकर खासा उलझन की स्थिति बन रही है. ऐसे में यहां जानिए किस दिन की जाएगी यम देव की पूजा.

Narak Chaturdashi Date: इस साल नरक चतुर्दशी की तिथि को लेकर खासा उलझन की स्थिति बन रही है. ऐसे में यहां जानिए किस दिन की जाएगी यम देव की पूजा.

Narak Chaturdashi 2024: दीपावली महापर्व की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. दिवाली से एक दिन पहले यम की पूजा के लिए यम चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इसे रूप चौदस भी कहा जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा की जाती है और यम के नाम का दीपक जलाया जाता है. इस साल यानी 2024 में दिवाली (Diwali) की तिथि को लेकर काफी भ्रम है. इसी के चलते नरक चतुर्दशी की तिथि को लेकर भी लोगों के मन में उलझन है कि यह किस दिन मनाई जाएगी. यहां जानिए क्या है नरक चतुर्दशी की सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त.

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कब है नरक चतुर्दशी | Narak Chaturdashi Date

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 30 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 32 मिनट से शुरु हो रही है. चतुर्दशी तिथि अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो रही है. चूंकि यम चतुर्दशी की पूजा प्रदोष काल यानी शाम के समय की जाती है इसलिए नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी. नरक चतुर्दशी पर यम के नाम का दीपक प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में ही जलाया जाता है. इस दिन यम के नाम का दीपक जलाने और यम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. इस दौरान आप यम के नाम का दीपक जला सकते हैं.

कहां जलाना चाहिए यम के नाम का दीपक

कहा जाता है कि इस दिन यम के नाम का दीपक जलाकर जातक परिवार समेत यम की यातनाओं से मुक्ति की प्रार्थना करता है. इस दिन सही दिशा में दीप दान करने से परिवार के सदस्यों का अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. मान्यता है कि यम के नाम का दीपक घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए. दक्षिण दिशा यम (Yama) की दिशा मानी गई है. दीपक चौमुखा यानी चार मुंह वाला होना चाहिए और इसे सरसों के तेल में जलाना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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