महाकुंभ 2025 के दौरान IIT बाबा को लेकर इंटरनेट पर तरह-तरह के वीडियो उपलब्ध हैं. बीते कुछ दिनों से IIT बाबा अलग-अलग मीडिया चैनल्स को इंटरव्यू भी दे रहे हैं और बता रहे हैं कि आखिर उन्होंने मोटी सैलरी वाली नौकरी छोड़कर अध्यात्म का रास्ता क्यों चुना.
जूना अखाड़े के महंत करणपुरी महाराज ने NDTV इंडिया को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अभय सिंह को निकालने की वजह बताई. जूना अखाड़े के सचिव महंत डॉ. करणपुरी महाराज ने कहा है कि IIT बाबा कोई साधु नहीं था. IIT वाला बाबा अखाड़े का नहीं था. वो मवाली था. जगह- जगह रुकता और खाता था. कहीं भी टीवी पर कुछ बोलता था.वो बहुत गलत व्यक्ति था, उसे मार कर निकाल दिया.वो अखाड़े को बदनाम कर रहा था.
उन्होंने आगे बताया कि IIT बाबा यहां घूमते हुए आया था, वो किसी के माध्यम से अखाड़े में नहीं आया था. साथ ही वो किसी का शिष्य भी नहीं था. वो गलत कह रहा था किसी का सुना हुआ नाम ले रहा था.सोमेश्वर पूरी को मरे 20 साल हो गए. वो चेला कैसे हो सकता है.वह कब बन गया अखाड़े का इसकी कोई जानकारी नहीं है. वो किसी का नाम सुनकर, इधर-उधर पड़ा रहता था,कहीं इनके टेंट तो कहीं उनके टेंट और खा पीककर भाग जाता था.उन्होंने आगे कहा कि वो बहुत दिन यहां नहीं था, इधर-उधर घूमता था. जब सबको पता चला, उसे आने नहीं दिया गया अपने पास बैठने नहीं दिया गया. भोजन नहीं दिया गया भगा दिया गया. उसे कई दिन पहले ही भगा दिया गया. उससे कोई व्यवहार नहीं रखता ना कोई उसे अपने पास बैठाता.
उन्होंने कहा कि IIT बाबा की इन हरकतों की वजह से अखाड़े में भयंकर आक्रोश है. अखाड़ा उसका ही सम्मान करता है जिसके पास अखाड़े की पहचान है. इस शख्स ने कई दिनों तक लोगों से अपनी सच्चाई छिपाकर रखी है. जो पूरी तरह से गलत है.
वह मवाली,आवारा आदमी था
वह अखाड़े का नहीं था. वह मवाली,आवारा आदमी था.वह कोई साधु नहीं था.यूं ही मवाली था. जगह जगह रुकता खाता था. टीवी पर कहीं भी कुछ भी कह देता था. वह बहुत गलत व्यक्ति था. उसे अखाड़े से मारकर भगा दिया हम लोगों ने. वह अखाड़े को बदनाम कर रहा था.वह घूमते हुए अखाड़े में आया था. किसी के माध्यम से नहीं आया था. न किसी का चेला था.
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में जूना अखाड़ा IIT बाबा के नाम से वायरल अभय सिंह पर कुपित है. ऊपर जूना अखाड़े के महंत करणपुरी महाराज के शब्द बता रहे हैं कि अखाड़ा किस कदर IIT बाबा पर आगबबूला है. जूना अखाड़े ने अभय सिंह पर अखाड़े को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उन्हें निकाल दिया. महंत के मुताबिक अभय जूना अखाड़े में आते-जाते थे, लेकिन उनकी हरकतों को देखते हुए हमने उन्हें मारकर भगा दिया.
कौन हैं महाकुंभ में आए IIT बाबा?
इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है. उनके इंस्टाग्राम हैंडल के मुताबिक, वह मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में दावा किया है कि उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है. उनका सब्जेक्ट एयरोस्पेस था.
पढ़ाई खत्म होने के बाद मिला था लाखों का पैकेज
मीडिया इंटरव्यू में अभय सिंह ने दावा किया कि बॉम्बे IIT से पढ़ाई पूरी करने के बाद वो कैंपेस इंटरव्यू में बैठे थे. इसमें उनका सिलेक्शन हो गया था. उन्हें एक कंपनी से लाखों का पैकेज ऑफर हुआ था. उन्होंने कुछ दिन नौकरी की.
ट्रैवल फोटोग्राफी के लिए छोड़ दी नौकरी
अभय सिंह के मुताबिक, उन्हें स्कूल के दिनों से फोटोग्राफी का शौक था. खासतौर पर वो ट्रैवेल फोटोग्राफी एन्जॉय किया करते थे. वो इससे रिलेटेड कोई कोर्स करना चाहते थे. इसलिए एक दिन इंजीनियरिंग छोड़ दी. फिर ट्रैवल फोटोग्राफी का कोर्स किया. इसी दौरान जिंदगी को लेकर उनकी फिलॉसफी बदल गई. उन्होंने कुछ समय के लिए अपना एक कोचिंग सेंटर भी खोला. यहां फिजिक्स पढ़ाया करते थे. लेकिन, उनका मन नहीं लगता था. उनका मन आध्यात्म में लगने लगा था.
इंजीनियरिंग से इतर पढ़ते थे फिलॉसफी
इंजीनियर बाबा ने बताया, “इंजीनियरिंग करते हुए मैं फिलॉसफी से कनेक्ट होने लगा. कोर्स से इतर जाकर मैं दर्शनशास्त्र की किताबें पढ़ता था. जिंदगी का मतलब समझने के लिए मैंने नवउत्तरावाद, सुकरात, प्लेटो के आर्टिकल और किताबें पढ़ ली थीं. फिर एक समय आध्यात्म का रास्ता चुन लिया.”
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