Parliament Mansoon Session: लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।इस प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। अविश्वास प्रस्ताव के बहाने विपक्ष यह चाहता है कि पीएम नरेंद्र मोदी मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सदन में अपना वक्तव्य दें। दरअसल, कांग्रेस मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा चाहती है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मसले पर सदन में जवाब देना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि चर्चा का समय सभी दलों से बातचीत के बाद तय किया जाएगा।
विपक्ष ने पूछा-प्रधानमंत्री सदन में क्यों नहीं?
विपक्षी सासंदों ने नारेबाजी की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सदन में मौजूद हों। हंगामे के बाद लोकसभा को 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इससे पहले मणिपुर के मसले पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हुआ और दोनों सदन दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिए गए। लोकसभा में दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे स्पीकर ने मंजूर कर लिया।
अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाना चाहता है विपक्ष
दरअसल, विपक्ष जानता है कि सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी लेकिन अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार होता है तो प्रधानमंत्री का भाषण भी होगा। ऐसे में उनको मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी बात करनी पड़ेगी। विपक्ष की अविश्वास प्रस्ताव की स्ट्रैटेजी केवल पीएम को सदन में मणिपुर मामले में बोलवाने की है। क्योंकि अगर आंकड़ों की बात करें, तो अभी लोकसभा में NDA के 335 सांसद हैं। मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 में आया। तब सरकार को 325, विपक्ष को 126 वोट मिले थे।
Read this also: Manipur Horror Story: एपीजे अब्दुल कलाम से सम्मानित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बुजुर्ग पत्नी को जिंदा जलाया
More Stories
यूपी उपचुनाव: सबसे ज्यादा मुस्लिम वोट वाले कुंदरकी में ‘रामपुर मॉडल’ जैसा खेला, 31 साल में पहली बार जीत रही BJP!
10 साल… 14 भाषण… 19 सम्मान… PM मोदी ने रच दिया नया इतिहास
महाराष्ट्र के दो और एग्जिट पोल के आए आंकड़े, जानिए किसकी बन सकती है सरकार