Parliament session: संसद सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा स्पीकर की शक्तियों को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव और गृह मंत्री आमने-सामने आ गए। कन्नौज सांसद ने सदन में आरोप लगाया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के अधिकारों में कटौती की जा रही है। उन्होंने विपक्ष को उनके अधिकारों के लिए लड़ने का आह्वान किया। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्पीकर के अधिकारों पर बात कर अखिलेश यादव ने आसन का अपमान किया है।
दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर बहस के दौरान लोकसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा: आपके और हमारे अधिकारों में कटौती की जा रही है। मैंने आपसे कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं। मैंने सुना है कि आपके कुछ अधिकार छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा।
अमित शाह ने कहा-यह आसन का अपमान है
अखिलेश यादव के भाषण के बीच में ही टोकते हुए गृह मंत्री अमित शाह खड़े होकर कहा कि यह आसन का अपमान है। अध्यक्ष के अधिकार विपक्ष के नहीं बल्कि पूरे सदन के हैं। घुमा-फिराकर बात न करें। आप अध्यक्ष के अधिकारों के रक्षक नहीं हैं।
ओम बिरला ने कही यह बात
दोनों नेताओं के नोकझोंक के बीच स्पीकर ओम बिरला ने हस्तक्षेप करते हुए कहा अखिलेश यादव से कहा कि उन्हें और सदन के अन्य सदस्यों को आसन पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। यह मेरी अपेक्षा है, आसन पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।
अखिलेश बोले-चुनाव में हार के बाद मुसलमानों के खिलाफ साजिश
वक्फ़ संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए कन्नौज सांसद ने कहा कि इसे एक सोची-समझी राजनीति के तहत लायाग या है। जब चुनाव के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया है तो लोगों को क्यों मनोनीत किया जाए? समुदाय से बाहर का कोई भी व्यक्ति अन्य धार्मिक निकायों का हिस्सा नहीं है। गैर-मुस्लिमों को वक्फ निकायों में शामिल करने का क्या मतलब है? भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कुछ कट्टरपंथी समर्थकों को खुश करने के लिए यह कानून लाया है।
More Stories
बॉलीवुड एक्ट्रेस ने शेयर की अपनी 10 साल पुरानी फोटो, बताया क्यों घटाया 30 किलो वजन, पहचान पाए क्या फैंस
बिहार सरकार की अनोखी पहल, अल्पसंख्यक बेटियों को बना रहे हुनरमंद और आत्मनिर्भर
कितने करोड़ में बनीं थी कल्ट फिल्म शोले और कितना किया था कलेक्शन, धर्मेंद्र और हेमा से लेकर अमिताभ-जया तक किसको कितनी मिली थी फीस ?