क्वाड सम्मेलन भारत के लिए बेहद खास रहा. इस सम्मेलन में जहां पीएम मोदी ने भारत को विश्व मंच पर एक अग्रीम भूमिका में पेश किया वहीं वह चीन की चारों तरफ से घेराबंदी करने में भी सफल रहे.
अमेरिका के QUAD समिट पर सबकी नजरें लगी थीं. QUAD को चीन के खिलाफ गोलबंदी वाले चार देशों के ग्रुप के तौर पर भी देखा जाता है. खासकर चीन जिस आक्रामक ढंग से हिंद-प्रशांत में घुसपैठ कर रहा है, उसके मद्देनजर इस बैठक का जमा-हासिल काफी कुछ संकेत देता है. आखिर इस बैठक से क्या-क्या निकला, आइए हम आपको थोड़ा विस्तार से बताते हैं…
PM मोदी की एंट्री: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान रविवार को को इस सम्मेलन का हिस्सा बने. उनके साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शामिल थे. बैठकें बंद कमरे में भी हुईं और राउंड टेबल पर भी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से अलग से भी बात की.
Quad कैंसर मूनशॉट क्या है
क्वाड इंडो-पसिफिक क्षेत्र में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या कम करने के लिए एक सामूहिक कोशिश के तहत क्वाड कैंसर मूनशॉट लॉन्च किया गया.शुरुआत में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर पर फोकस किया जाएगा. क्वाड कैंसर मूनशॉट से आने वाले दशकों में कई जानें बचा लिए जाने की उम्मीद है.
महामारी से लड़ने की तैयारी
चारों देश मिलकर क्वाड इंडो-पसिफिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करेंगे.
भारत महामारी तैयारी पर एक वर्कशॉप करेगा. इमर्जेंसी पब्लिक हेल्थ रिस्पॉन्स सिस्टम के विकास के लिए रूपरेखा तैयार होगी. एक श्वेत पत्र जारी होगा.
ऑस्ट्रेलिया एक पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स का पूल बनाएगा. महामारी फैलने पर ये एक्सपर्ट्स तैनात के लिए तैयार रहेंगे. ऑस्ट्रेलिया में इसकी पहली ट्रेनिंग शुरू होगी.
क्वाड भागीदारों के साथ तालमेल बिठाते हुए अमेरिका इंडो-पसिफिक क्षेत्र में चौदह देशों के साथ काम करेगा. अमेरिका ने संक्रामक रोग के खतरों को रोकने, समय से पहले पता लगाने के लिए 84.5 मिलियन डॉलर का वादा किया है.
मिशन शांति: QUAD से इतर मोदी-बाइडेन की इस बैठक में रूस-यूक्रेन संघर्ष समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई. पीएम मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस दौर में शांति सबसे पहली प्राथमिकता है. हम बगैर दुनिया में अमन और चैन का कायम करें एक साथ विकास की परिकल्पना के बारे में नहीं सोच सकते. बिजनस की बातः मोदी-बाइडेन ने भारत-अमेरिका के बीच व्यापार और रणनीतिक साझेदारी पर भी बात की. पीएम मोदी ने अपने इस दौरे में अमेरिका से कई अहम डील की है. इसमें सबसे अहम है डिफेंस डील. इस डील से भारत को बेहद उन्नत तकनीक के नए हथियार मिलने जा रहे हैं. ड्रोन पर डीलः मोदी-बाइडेन ने अमेरिका से प्रीडिएटर ड्रोन और तेजस के जेट इंजन की डील लगभग पक्की कर ली है. भारत, अमेरिका से 31 MQ-9B स्काई गार्जियन और सी गार्जियन ड्रोन खरीदने जा रहा है. इन ड्रोन की कीमत करीब 3 अरब डॉलर है. इस बातचीत के बाद अब कहा जा रहा है कि अमेरिकी कंपनियां मानव रहित यान की मरम्मत की सुविधा भारत में विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करना चाहती है.सेमीकंडर प्लांट : पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने इस बैठक में कोलकाता में एक नए सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने पर चर्चा की. ये वार्ता दोनों ही देशों की नेशनल सिक्योरिटी के लिए बेहद अहम थी. इस बातचीत के दौरान दोनों ही देशों ने एडवांस्ड सेंसिंग, कम्युनिकेशन और नेक्स्ट जेनरेशन के टेलीकम्युनिकेशन और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने पर फोकस किया है.QUAD के भविष्य पर PM मोदी ने साफ कहा है कि भारत किसी के खिलाफ नहीं है और यह कायम रहेगा. इसके आलावा प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता से एक बात यह निकल कर आई है कि बाइडेन ने भारत के उस दावे का समर्थन किया है कि यूएनएससी का रिफॉर्म होना चाहिए. भारत कहता रहा है कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए इस ग्रुप में बदलाव की जरूरत है. भारत को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य होना चाहिए. ये मौजूदा दौर की मांग है. QUAD कैंसर मूनशूट मिशन का समर्थन करते हुए PM मोदी ने देसी सर्वाइकल वैक्सीन का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने कहा कि वह ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ का समर्थन करते हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट’ पहल के लिए 7.5 मिलियन डॉलर के सैंपलिंग किट्स, डिटेक्शन किट्स और वैक्सीन्स में सहयोग करने की घोषणा की.क्वाड कैंसर मूनशॉट का जब जिक्र हुआ तो उस दौरान पीएम मोदी ने भारत का पक्ष मजबूती के साथ रखा.मोदी मैजिकः अमेरिका में फिर दिखा ‘मोदी मैजिक’, विलिंग्टन में प्रवासी भारतीयों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरे के शुरू होने से लेकर अभी तक पीएम मोदी जहां भी जा रहे हैं उनका भव्य स्वागत हो रहा है. क्वाड सम्मेलन में शामिल होने के बाद जब पीएम न्यूयॉर्क पहुंचे तो वहां भी उनके स्वागत के लिए भारतीय मूल के लोग पहले से ही तैयार खड़े दिखे. गर्मजोशी: इस सम्मेलन के दौरान भारत और अमेरिका के बीच गर्मजोशी दिखी. इसका उदाहरण उस वक्त दिखा जब बाइडेन पीएम मोदी का खुद हाथ पकड़कर उन्हें सम्मेलन में शामिल होने के लिए लेकर गए. PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच करीब एक घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई. चीन की घेराबंदी करने में सफल रहा भारत : इस सम्मेलन के दौरान भारत ने चीन की हर तरफ से घेराबंदी कर ली है. यही वजह रही कि इस सम्मेलन के दौरान सभी नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती खौफ पैदा करने वाली गतिविधियों को लेकर भी अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की. इस सम्मेलन में सभी देशों ने एक सुर में कहा कि हम अन्य देशों की अपतटीय संसाधन दोहन गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों का विरोध करते हैं.और मजबूत हुई भारत की छवि : पीएम मोदी के क्वाड सम्मेलन में दिए गए संबोधन ने भारत को विश्व पटल पर और मजबूत देश के तौर पर पेश किया है. आपको बता दें कि पीएम मोदी न्यूयॉर्क में भारतीय प्रवासियों के कार्यक्रम में शामिल होंगे और उन्हें संबोधित करेंगे. इसके साथ ही वह प्रमुख कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे और उनसे बातचीत करेंगे. पीएम मोदी 23 सितंबर को ‘संयुक्त राज्य के भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में भी हिस्सा लेंगे.
मंकीपॉक्स पर भी चिंता
QUAD अफ्रीका के बाद अब एशिया में भी दस्तक दे चुके मंकीपॉक्स की रोकथाम की कोशश करेगा. मंकीपॉक्स के क्लेड-I और क्लेड-2 वैरिएंट से लड़ने के लिए सुरक्षित और प्रभावी एमपॉक्स वैक्सीन की सभी तक पहुंच सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी.
अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत.. दोस्ती बनी रहे
पिछले चार सालों में क्वाड नेताओं की छह बैठकें हुईं, इसमें से दो वर्चुअल थीं.
क्वाड विदेश मंत्रियों की आठ बैठकें हुईं, जिनमें से आखिरी बैठक जुलाई में टोक्यो में हुई
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अमेरिका 2025 में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा.
भारत 2025 क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
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