Salt Typhoon से Storm-0558 तक, मिसाइल से भी खतरनाक हैं चीन के हैकर्स ग्रुप​

 चीन के हैकर्स पर अक्सर अन्य देशों की सरकार, सैन्य संगठनों से लेकर मीडिया समूहों को हैक करने का आरोप लगता आया. हाल के दिनों में ‘साल्ट टाइफून’ नामक एक चीनी हैकरों का एक समूह काफी खबरों में आ रहा है. ‘साल्ट टाइफून’ पर आरोप है कि उसने अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के संचार उपकरणों में सेंध लगाई है.

लंबे समय से पश्चिमी खुफिया एजेंसियां और साइबर सुरक्षा समूह दुनिया भर में हो रही अधिकतर डिजिटल घुसपैठ के लिए चीन के हैकर्स को जिम्मेदारा मानते आए हैं. चीन के हैकर्स के कई ग्रुप पर अन्य देशों की सरकारों से जुड़े लोगों का डेटा हैक करने का आरोप है. हाल के दिनों में ‘साल्ट टाइफून’ नामक चीनी हैकरों का एक समूह काफी खबरों में आ रहा है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल्ट टाइफून के निशाने पर अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार हैं. अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस को इन्होंने निशाना बनाया है और इनके संचार उपकरणों को हैक करने की कोशिश की गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल्ट टाइफून ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टिम वाल्ज और जेडी वेंस के डाटा को भी हैक करने की कोशिश की.  इसके अलावा हैकर्स ने अमेरिका के टेलीकॉम सेक्टर की कई कंपनियों को टारगेट किया है. 

अमेरिका के टेलीकॉम कंपनी वेरिजॉन पर ‘साल्ट टाइफून’ के साइबर हमले को खुफिया जानकारी जुटाने के अभियान का हिस्सा माना जा रहा है. हैकर्स अपने मकसद में कामयाब हुए हैं कि नहीं अमेरिकी एजेंसियां इसकी जांच कर रही है. साइबर सुरक्षा फर्मों का मानना ​​है कि चीन के कई हैंकिंग समूहों को चीन सरकार का समर्थन प्राप्त है.

क्या होता है साइबर क्राइम

साइबर क्राइम के तहत नेटवर्क या नेटवर्क से जुड़े डिवाइस जैसे  कंप्यूटर, फोन को हैक किया जाता है.इस दौरान संवेदनशील डेटा को चुराया जाता है.हैकर्स कंप्यूटर और नेटवर्क से जुड़े डिवाइस को कन्हीं से भी हैक कर सकते हैंहैकिंग के बाद जरूरी डेटा को चुरा लेते हैं.

मिसाइल से भी खतरनाक हैं चीन के ये हैकर्स ग्रुप

‘साल्ट टाइफून’

चीनी हैकर्स के एक समूह को माइक्रोसॉफ्ट की साइबर सुरक्षा टीम ने सॉल्ट टाइफून नाम दिया है. माना जाता है कि इसे  चीन की सरकार का समर्थन है. ये ग्रुप कॉरपोरेट डाटा से लेकर खुफिया जानकारी चुराने का काम करता है. 

STORM-0558

हाल ही में Storm-0558 नामक चीनी हैकर्स के ग्रुप ने लगभग 25 संगठनों के ईमेल खातों को चुरा लिया था. ये ईमेल अमेरिकी सरकारी एजेंसी, माइक्रोसॉफ्ट और अमेरिकी अधिकारी से जुड़े हुए थे. माइक्रोसॉफ्ट ने चीनी हैकर्स के इस ग्रुप को Storm-0558 दिया था. हालांकि वाशिंगटन में चीन के दूतावास ने इन आरोपों को गलत बताया था और आरोपों के खिलाफ चेतावनी दी थी.

वोल्ट टाइफून (Volt Typhoon)

पश्चिमी खुफिया एजेंसियों और माइक्रोसॉफ्ट ने मई महीने में चीनी हैकर्स के वोल्ट टाइफून पर दूरसंचार से लेकर परिवहन केंद्रों तक कई अमेरिका के संगठनों पर जासूसी का आरोप लगाया था. हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय ने इन दावों को खारिज किया था.

बैकडोर डिप्लोमेसी

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बैकडोर डिप्लोमेसी पर प्रमुख केन्याई मंत्रालयों और राज्य संस्थानों के खिलाफ डिजिटल घुसपैठ का आरोप लगाया था. हालांकि चीनी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस तरह की हैकिंग के बारे में पता नहीं था और आरोपों को निराधार करार दिया था.

अमेरिका की साइबर सुरक्षा फर्म पालो ऑल्टो नेटवर्क्स के अनुसार बैकडोर डिप्लोमेसी के चीनी राज्य से संबंध थे और वह APT15 हैकिंग समूह का हिस्सा था.  

APT 41

चीनी हैकिंग टीम APT 41 को विंटी, डबल ड्रैगन और अमीबा के नाम से भी जाना जाता है. अमेरिकी गुप्त सेवा ने आरोप लगाया था कि इसने 2020 और 2022 के बीच करोड़ों डॉलर के अमेरिकी COVID-19 राहत लाभ चुराए था. साथ ही ताइवान स्थित साइबर सुरक्षा फर्म ने कहा था कि समूह ने सरकार को निशाना बनाया था.

पश्चिमी खुफिया एजेंसियों और साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं का कहना है कि चीनी हैकिंग टीम APT 27 चीन द्वारा प्रायोजित है. इसने पश्चिमी और ताइवान की सरकारी एजेंसियों पर कई साइबर हमले किए हैं.

 NDTV India – Latest 

Related Post