SC takes on Modi Government for defending Baba Ramdev: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव के स्वामित्व वाले पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई। योग गुरु रामदेव के स्वामित्व वाले पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक और झूठे विज्ञापनों के मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार आंखें बंद करके बैठी है।
सरकार आंखें बंद करके बैठी है…
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों के जरिए पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार आंखें बंद करके बैठी है। सरकार को तत्काल कुछ कार्रवाई करनी होगी। बेंच ने आदेश दिया कि वह भ्रामक जानकारी देने वाले अपनी दवाओं के सभी इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट विज्ञापनों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दे।
तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने भी दी थी चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन सीजेआई एनवी रमन्ना की बेंच ने भी बाबा रामदेव के पतंजलि को झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को लेकर चेतावनी दी थी। कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में पतंजलि आयुर्वेद को अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में झूठे और भ्रामक दावे करने के प्रति आगाह किया था।
गुरु स्वामी रामदेव बाबा को क्या हुआ? आखिरकार हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया। हम सभी इसके लिए जाते हैं। लेकिन उन्हें अन्य प्रणाली की आलोचना नहीं करनी चाहिए। आप देख सकते हैं कि किस तरह के विज्ञापन सभी डॉक्टरों पर आरोप लगा रहे हैं। वे हत्यारे हैं या कुछ और। बड़े पैमाने पर विज्ञापन दिए गए हैं।
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बाबा रामदेव के विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। आईएमए ने कहा था कि बाबा रामदेव के स्वामित्व वाले पतंजलि आयुर्वेद द्वारा कथित तौर पर एलोपैथ्ज्ञी और डॉक्टरों को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। आईएमए के वकील ने कहा था कि इन विज्ञापनों में कहा गया है कि आधुनिक दवाएं लेने के बावजूद चिकित्सक खुद मर रहे हैं।