Shardiya Navratri 2024 4th Day : शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन माता कुष्माण्डा को समर्पित होता है. यह मां दुर्गा का चौथा स्वरूप है, जिसे आदिस्वरूपा या आदिशक्ति भी कहा जाता है.
Navratri 2024 4th Day : हिन्दू पंचांग का अश्विन माह कई मायनों में खास माना जाता है. विशेष तौर पर इसी महीने में माता दुर्गा की आराधना का सबसे बड़ा पर्व शारदीय नवरात्र शुरू होता है. पूरे नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में हर दिन मां के एक स्वरूप की पूजा की जाती है. चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित है. उनके आठ हाथ होने के कारण माता को अष्टभुजा देवी के रूप में भी जाना जाता है. माता के इस स्वरूप में मंद और हल्की मुस्कान है. ऐसा मान्यता है कि जब सृष्टि का निर्माण नहीं हुआ था और चारों ओर सिर्फ अंधकार था तब मां कुष्माण्डा ने अपनी हल्की सी मुस्कान से ही पूरे ब्रह्मांड की रचना की. आइए जानते हैं मां के इस स्वरूप के बारे में.
चतुर्थी तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 6 अक्टूबर को 07:49 ए एम से होगी जिसका समापन 7 अक्टूबर को 09:47 ए एम पर होगा.
कैसा है मां कुष्मांडा का स्वरूप
मां कुष्माण्डा का वाहन सिंह है और आदिशक्ति की 8 भुजाएं हैं. इनमें से 7 हाथों में कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, कमण्डल और कुछ शस्त्र जैसे धनुष, बाण, चक्र तथा गदा हैं. जबकि, आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है. ऐसा उल्लेख मिलता है कि, माता को कुम्हड़े की बलि बेहद प्रिय है. वहीं कुम्हड़े को संस्कृत में कूष्माण्ड कहते हैं.
क्या भोग लगाएं?
नवरात्रि के पांचवें दिन मां कुष्मांडा को आटे और घी से बने मालपुआ का भोग लगाना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से भक्त को बल-बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
पूजा से मिलते हैं ये लाभ
माता कुष्मांडा की पूजा से व्यक्ति को सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है, ऐसा माना जाता है, साथ ही उसे उत्तम स्वास्थ्य और लंबी आयु प्राप्त होती है. मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति मां कुष्माण्डा की आराधना करता है उसे सुख-समृद्धि और उन्नति की प्राप्ति होती है.
NDTV India – Latest
More Stories
इस एक्टर के बॉडीगार्ड्स ने फैन पर तानी पिस्तौल, कैमरे में कैद हुई पूरी घटना
NEET Cutoff 2025: नीट यूजी रिजल्ट अगले महीने, एक्सपेक्टेड कटऑफ और Percentile
UN महासचिव ने पहलगाम हमले की निंदा की… भारत, पाकिस्तान को संयम बरतने की दी सलाह