कई बार टीनएजर्स में क्लोग्ड पोर्स, दर्द से भरे पिंपल्स के अलावा फेस, गले और कंधे तक लंप्स भी देखे जाते हैं. जो चेस्ट, बैक और अपर आर्म्स तक भी पहुंच सकते हैं. इन एक्नेज का कोई भी ट्रीटमेंट शुरू करें. उ
Teen Acne: टीनएजर बच्चों में स्किन पर एक्ने होने की परेशानी काफी बढ़ चुकी है. 85 प्रतिशत टीनएजर्स ऐसे होते हैं जो इस समस्या से गुजरते हैं. खासतौर से अगर माता पिता में से किसी की स्किन पर एक्ने और पिंपल्स होना आम है तो बच्चों में इसके होने की संभावना खुद ब खुद बढ़ ही जाती है. कई बार टीनएजर्स में क्लोग्ड पोर्स, दर्द से भरे पिंपल्स के अलावा फेस, गले और कंधे तक लंप्स भी देखे जाते हैं. जो चेस्ट, बैक और अपर आर्म्स तक भी पहुंच सकते हैं. इन एक्नेज का कोई भी ट्रीटमेंट शुरू करें. उससे पहले ये समझ लेना चाहिए कि ये कितने तरह के होते हैं. और, क्यों होते हैं.
टीन एक्ने के कारण और ट्रीटमेंट | Teen Acne, Reasons And Treatment
कितनी तरह के होते हैं टीन एक्ने?
टीन एक्ने चार तरह के हो सकते हैं.
व्हाइट हेड्स– चेहरे पर सफेद डॉट या दाने दिखें. जो थोड़े ऑयली भी लगें. कभी कभी इन पर स्किन की लेयर आ जाती है.
ब्लैकहेड्स- चेहरे पर ब्लैक दाने या बंप्स.
पिंपल्स, पस्ट्यूल या नोड्यूल– ये उभार थोड़े ज्यादा गंभीर होते हैं. जो रेड होने के साथ साथ सूजे हुए भी नजर आते हैं. इनमें दर्द भी महसूस हो सकता है.
सिस्ट– आम पिंपल्स की जगह जब थोड़े ज्यादा गहरे और पस भरे पिंपल्स दिखें तो समझ लें कि वो सिस्ट है.
किस वजह से होते हैं एक्ने?
सभी की स्किन में ऑयल ग्लैंड्स मौजूद होती हैं. प्यूबर्टी की उम्र में एंड्रोजन नाम का सेक्स हार्मोन भी बढ़ने लगता है. इस हार्मोन की वजह से चेहरे की ऑयल ग्लैंड्स ओवर एक्टिव हो जाती हैं. साथ ही एनलार्ज होने की वजह से ज्यादा ऑयल और सीबम प्रोड्यूस करती हैं. ज्यादा सीबम की वजह से स्किन सेल्स ब्लॉक होने लगते हैं. जिसकी वजह से पिंपल्स और एक्ने होते हैं.
हार्मोनल चेंजेस, पीरियड्स जैसे शारीरिक बदलाव भी एक्ने का कारण हो सकते हैं.
हेयर डाइस, फेस क्रीम, ज्यादा ग्रीसी हेयर या फेस ऑइंटमेंट की वजह से भी पोर्स ब्लॉक होते हैं.
कपड़ों की रगड़ की वजह से भी एक्ने हो सकते हैं. खासतौर से बैक और चेस्ट पर एक्ने होने का ये मुख्य कारण होते हैं.
टीन्स कैसे करें एक्ने का ट्रीटमेंट?
एक्ने से बचने का सबसे पहला और आसान तरीका है एक अच्छा स्किन केयर रूटीन फॉलो करना. इस रूटीन को टीनएजर्स कुछ इस तरह फॉलो कर सकते हैं.
क्लींजिंग :सुबह और रात में अपने चेहरे को एक जेंटल क्लींजर से क्लीन करें. ऐसे प्रोडक्ट्स चुने जो नॉन कॉमेडोजेनिक हैं. ज्यादा सेंसिटिव स्किन है तो सेलसिलिक एसिड वाले प्रोडक्ट्स यूज कर सकते हैं. लेकिन फिर एक्सपर्ट की सलाह ले लेना चाहिए.
सीरम :स्किन के किसी खास एरिया को टारगेट कर रहे हैं. तो, उससे रिलेटेड सीरम भी यूज कर सकते हैं.
मॉइश्चराइज :स्किन को हाइड्रेट रखने के लिए मॉइश्चराइजर यूज करना जरूरी है.
सन प्रोटेक्शन :बाहर निकल रहे हैं तो चेहरे पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं ताकि यूवी रेज से होने वाले डैमेज से बचा जा सके.
एक्सफोलिएट :अपने चेहरे को हल्के हाथों से स्क्रब करें. ताकि डेड सेल्स निकल सकें और स्किन का टेक्सचर बेहतर हो सके.
मास्क :हफ्ते में कम से कम दो बार चेहरे पर कोई मास्क लगाएं. जिससे फेस को एक्स्ट्रा नरिशमेंट मिल सके.
इस रूटीन को लगातार फॉलो करने के बाद भी चेहरे पर एक्ने आते हैं तो स्किन एक्सपर्ट या डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह लेना चाहिए. जो आपको प्रॉपर मेडिकेशन और ट्रीटमेंट दे सके.
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