Three Soldiers Killed by Terrorists in Kashmir: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुए मुठभेड़ (Anantnag Encounter) में सेना के दो अधिकारी (कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष) और पुलिस के एक अधिकारी (डीएसपी हुमायूं भट) की मौत हो गई। भारत को ये गहरे जख्म आतंकी संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट (The Resistant Front) ने दिए हैं।
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल में जम्मू के पुंछ में सेना के पांच जवानों पर हमले के लिए आतंकियों का यही मॉड्यूल जिम्मेदार था। यह नया आतंकी मॉड्यूल है। इसमें लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शामिल हैं। यह मॉड्यूल पिछले छह महीनों से सक्रिय है।
द रेजिस्टेंट फ्रंट (The Resistant Front) सुनने में भले नया नाम हो, लेकिन इसे ऑपरेट करने वाले खूंखार आतंकी पुराने हैं। इसे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजहिद्दीन ने 2019 में बनाया था। आतंक के आकाओं के लिए नया संगठन बनाना नई बात नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ने पर ये सांप की तरह केंचुली बदलते हैं और संगठन का नाम बदल लेते हैं।
The Resistant Front को मिला है 200 हत्याओं का टारगेट
द रेजिस्टेंट फ्रंट बनाने के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की अहम भूमिका है। पाकिस्तान आतंकियों का इस्तेमाल कर भारत को नुकसान पहुंचाने की अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने जम्मू-कश्मीर को लहूलुहान करने के लिए ऑपरेशन रेड वेव चलाया है। इसके तहत द रेजिस्टेंट फ्रंट को 200 हत्याएं करने का टारगेट दिया गया है।
द रेजिस्टेंट फ्रंट को भारत ने किया आतंकी संगठन घोषित
The Resistant Front को भारत सरकार ने 6 जनवरी 2023 को आतंकी संगठन घोषित किया था। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद द रेजिस्टेंट फ्रंट सामने आया था। इसके लिए करीब छह महीने तक ऑनलाइन प्रोपेगेंडा फैलाया गया था। इसमें लश्कर के अलावा तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद सहित कई आतंकी संगठनों के आतंकियों को भर्ती किया गया है।
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