January 18, 2025
Silkyara Tunnel rescue live

Uttarakhand Tunnel rescue: ग्रीन कॉरिडोर तैयार, स्टैंडबॉय मोड में 41 एंबुलेंस और मेडिकल टीम

41 एंबुलेंस को स्टैंडबॉय मोड में कई दिनों से रखा गया है।

Uttarakhand Silkyara Tunnel rescue: उत्तराखंड में ध्वस्त हुए सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की बेस्ट कोशिशें जारी है। 17 दिनों का इंतजार कुछ ही घंटों में पूरा होने की संभावना है। एक पखवारे से सुरंग में जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे मजदूरों को बाहर निकाले जाने के बाद तत्काल मेडिकल असिस्टेंट के लिए स्थानीय अस्पताल पहुंचाया जाएगा। राज्य सरकार की मदद से टनल से लेकर अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बना लिया गया है। 41 एंबुलेंस को स्टैंडबॉय मोड में कई दिनों से रखा गया है।

30 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर

सिल्कयारा सुरंग के एंट्री से लेकर चिन्यासीसौंड़ कम्युनिटी हेल्थ सेंटर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। दोनों के बीच की दूरी 30 किलोमीटर की है। बाहर आते ही स्टैंडबॉय पर रखे गए एंबुलेंस में मजदूरों को चिन्यालीसौड़ सीएचसी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 41 एंबुलेंस पहले से खड़े हैं।

चिन्यालीसौड़ सीएचसी में 41 बेड पहले से तैयार

चिन्यालीसौड़ सीएचसी में 41 बेड वाला एक वार्ड तैयार किया गया है। प्रत्येक बेड पर मेडिकल के सारे इक्वीपमेंट्स और ऑक्सीजन से लैस रखा गया है। इमरजेंसी कर्मचारियों को पहले से ही यहां तैनात कर दिया गया है।

ग्रीन कॉरिडोर के लिए सड़क तैयार

सुरंग की ओर जाने वाली सड़क जो पिछले दो हफ्तों से लगातार भारी वाहनों के आवागमन के कारण ऊबड़-खाबड़ थी, उसकी मरम्मत कर दी गई है। सड़क पर मिट्टी की एक लेयर बिछाकर एंबुलेंस के आवागमन के लिए सही कर दिया गया है। ग्रीन कॉरिडोर में कोई दूसरी वाहन बाधा न बने इसलिए पूरे रास्ते में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है ताकि बिना देर किए और पूरी तेजी के साथ एंबुलेंस अस्पताल तक पहुंच सके।

पाइप बिछाने का काम पूरा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए पाइप बिछाने का काम पूरा हो गया है। उन्होंने ट्वीट किया कि बाबा बौख नागजी की अपार कृपा और करोड़ों देशवासियों की प्रार्थनाओं और सभी रेस्क्यू टीमों के अथक परिश्रम के परिणामस्वरूप, श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में पाइप बिछाने का काम पूरा हो गया है। जल्द ही सभी मजदूर भाइयों को बाहर निकाला जाएगा।

रैट-होल माइनिंग के एक्सपर्ट कर रहे मैनुअल ड्रिलिंग

सारे रेस्क्यू फेल हो जाने के बाद बैन टेक्निक से मजदूरों को बाहर लाने का प्रयास किया जा रहा है। रैट-होल माइनिंग करके मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। 24 एक्सपीरिएंस्ड रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट्स इस काम में लगे हुए हैं और मैनुअल ड्रिलिंग कर रहे हैं।

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.