शूटआउट (Shootout at chitrakoot jail) में चित्रकूट जेल प्रशासन की भूमिका काफी संदिग्ध है। बिना जेल प्रशासन के सहयोग से अंशु दीक्षित तक असलहा पहुंचना नामुमकीन सा है। बहरहाल, बात वारदात की। शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे जेल में नाश्ता बंट रहा था। आदर्श कैदी जेल में कैदियों को नाश्ता बांट रहे थे।