पुस्तक ‘कोरोनानामा – बुजुर्गों की अनकही दास्तान’ मूलरूप से रिपोर्ताज-संग्रह है, जो कोरोना-काल में बुजुर्गों के प्रति सजगता को परिलक्षित करती हुई उनकी विशिष्ट भूमिकाओं पर केन्द्रित एक ग्राउण्ड रिपोर्ट है।
पुस्तक ‘कोरोनानामा – बुजुर्गों की अनकही दास्तान’ मूलरूप से रिपोर्ताज-संग्रह है, जो कोरोना-काल में बुजुर्गों के प्रति सजगता को परिलक्षित करती हुई उनकी विशिष्ट भूमिकाओं पर केन्द्रित एक ग्राउण्ड रिपोर्ट है।