July 7, 2024

Uttarakhand glacier burst

चमोली जल प्रलय की वजह सिर्फ एक है और वह है सरकारों की हठवादिता। केंद्र में सरकार चाहे कांग्रेसनीत रही हो या भाजपानीत। सभी ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ किया। वैज्ञानिकों के सुझाव तक को अमान्य कर दिया। इसका सबसे पहले प्रभाव 2013 में दिखा था जब पवित्र केदारनाथ में जल प्रलय आया था।

जगद्गुरु शंकराचार्य ने सोमवार को यहां कहा कि वर्ष 2013 में पवित्र केदारनाथ में जो जल प्रलय आया था, वह प्रकृति की बड़ी चेतावनी थी। उस जल प्रलय में हजारों लोग मारे गये, तमाम लापता हो गये और आद्य शंकराचार्य भगवान की समाधि भी जल प्रवाह में बह गयी थी, फिर भी हम सजग नहीं हुये।

अगर कुछ माह पहले वैज्ञानिकों की चेतावनियों पर जिम्मेदार ध्यान दे दिए रहते तो शायद तबाही का यह मंजर न देखने को मिलता।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें।

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